महाशिवरात्रि आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं हमारे सनातन धर्म में हर पर्व का अपना एक अलग महत्व है आज हम आपको बताने जा रहा है की महाशिवरात्रि की धार्मिक कथा क्या है और और महाशिवरात्रि कब बनाई जाती है इसलिए हमारी इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े और अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें।
महाशिवरात्रि क्या है
वैसे तो हर महीने शिवरात्रि मनाई जाती है जिसे मासिक शिवरात्रि कहा जाता है लेकिन फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए खास महत्व रखता है इस दिन शिव जी की विशेष पूजा की जाती है इस दिन देश के 12 ज्योतिर्लिंग और अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है
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महाशिवरात्रि पर्व क्यों मनाया जाता है
महाशिवरात्रि क्यों मनाया जाता है इसको लेकर अलग-अलग कथाएं प्रचलित है
महाशिवरात्रि का मतलब है शिव की रात। महाशिवरात्रि शिव की प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने का एक विशेष अवसर माना जाता है कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर पहली बार ज्योतिर्लिंग मैं प्रकट हुए थे और इसे महाशिवरात्रि के रूप में मनाया गया अगर आसान रूप से आपको बताएं तो भगवान के निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि महाशिवरात्रि है
इसके बारे में शिव पुराण में मिलता है इस दिन भगवान शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था इस दिन व्रत रखा जाता है इस दिन भगवान शिव जी का 108 नाम का जाप किया जाता है
12 ज्योतिर्लिंग को कौन-कौन से हैं उनके नाम
- सोमनाथ
- मल्लिकार्जुन
- महाकालेश्वर
- ओंकारेश्वर
- केदारनाथ
- भीमशंकर
- विश्वनाथ
- त्र्यंबकेश्वर
- वैद्यनाथ
- नागेश्वर
- रामेश्वर
- घुश्मेश्वर
12 ज्योतिर्लिंगों की स्थितिः
- सोमनाथ- गुजरात के सौराष्ट्र में समुद्र किनारे स्थित है.
- मल्लिकार्जुन-आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के तट पर स्थित है.
- महाकालेश्वर-मध्य प्रदेश के उज्जैन में है.
- ओंकारेश्वर- मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी में एक द्वीप पर है.
- केदारनाथ-उत्तराखंड में है.
- भीमशंकर-महाराष्ट्र में है.
- विश्वनाथ-उत्तर प्रदेश के वाराणसी में है.
- त्र्यंबकेश्वर -महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के त्रिंबक गांव में है.
- वैद्यनाथ- झारखंड में है.
- नागेश्वर- गुजरात में है.
- रामेश्वर-तमिलनाडु में है.
- घुश्मेश्वर-महाराष्ट्र के वेरुल नामक गांव में है
निष्कर्ष
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