विश्व के तमाम देश अपनी सुरक्षा के लिए गुप्तचर रखते हैं एक ऐसी एजेंसी के बारे में सोवियत संघ से हमें पता चलता है नाम है kGB। जैसा कि हम लोग जानते हैं कि सोवियत संघ 1991 में टूट गया और इसे 15 देश अलग हो गए सोवियत संघ इतना बड़ा देश देश था जिसका विश्व में और देश से अधिक क्षेत्रफल था सोवियत संघ टूटने के बाद आज इसे रूस कहा जाता है द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1954 में यह एजेंसी बनती है और सोवियत संघ के टूटने के बाद यह एजेंसी बंद हो जाती है लेकिन आज भी अगर इस एजेंसी के बारे में चर्चा की जाए तो हर देश घबरा जाता है क्योंकि इस एजेंसी का नाम में बहुत बड़े हैं । आज हम आपको इस एजेंसी की पूरी जानकारी देने वाले हैं किसने इस एजेंसी को बनाया और इस एजेंसी ने आज तक कौन-कौन सी मिशन पूरे करें हैं।
KGB किसने बनाया
KGB विश्व युद्ध के बाद 1994 में बनाया गया 1935 से 19 45 तक द्वितीय विश्व युद्ध चलाKGB का पूरा नाम स्टेट फॉर सिक्योरिटी है यह एक गुप्त संगठन है यह तमाम दूसरे देशों के लोगों को भी रोजगार दिया करता था इस संगठन का नाम एक समय में दुनिया के सबसे बड़े जासूस संगठन में से एक था मीडिया में छपी हुई रिपोर्ट के मुताबिक हमें यह पता चलता है कि लगभग 480,000 एजेंट थी इस संगठन में।
KGB की रूस पहली पुलिस क्या थी
व्लादिमीर लेनिन ने साल 1917 में रूस की पहली सुरक्षा एजेंसी चेका फिर साल 1922 में चेका मैं परिवर्तन करके राज्य राजनीतिक प्रशासन बन गया और बाद में सोवियत संघ के गठन के बाद 1930 में इसे एकीकृत राज्य राजनीतिक प्रशासन यानी OGPU के रूप में दोबारा लाया गया उसके बाद साल 1934 में पीपुल्स कमीसेरिएट ऑफ इंटरनल अफेयर्स में सम्मिलित कर लिया गया। साल 1941 में देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी पीपुल्स कमीसेरिएट ऑफ इंटरनल अफेयर्स(NKVD) से राज्य सुरक्षा राज्य सुरक्षा समिति((NKGB) को दे दी साल 1946 में दोनों एजेंसियां आंतरिक मामलों का मंत्रालय और राज्य सुरक्षा मंत्रालय में बदल दी गई मार्च 1953 में जोसेफ स्टाइलिंग की मृत्यु के तुरंत बाद राज्य सुरक्षा मंत्रालय को आंतरिक मामलों के मंत्रालय में वापस जोड़ दिया गया और फिर KGB को 1954 में कम्युनिटी पार्टी मजबूत करने के लिए बनाया गया
कितने देश में kGB थी
यह जासूसी नेटवर्क इतना पावरफुल था कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्टालिन को संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रेटर ,ब्रिटेन और फ्रांस की सैनिक गतिविधियों के बारे में सब पता था और यदि इस एजेंसी के बारे में और आपको बताएं तो यह इस स्तर तक थी कि पश्चिम की सभी खूबियां लोग इस संगठन से जुड़े थे
सोवियत संघ से अलग हुआ बेलारूस एकमात्र ऐसा राज्य है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा संगठन अभी भी kGB है
KGB को अब क्या कहते हैं
सोवियत संगठन के विखंडन के के बाद इसके आंतरिक सुरक्षा कार्यों को पहले सुरक्षा मंत्रालय के रूप में और फिर 2 साल से भी कम समय के बाद इसको फेडरल काउंटर इंटेलिजेंस सर्विस यानी FSK के रूप में दोबारा गठित किया गया और इसका नियंत्रण राष्ट्रपति के पास रखा गया इसका नाम 1995 में रूस के राष्ट्रपति पेरिस येल्तसिन ने इसका नाम बदला था
व्लादिमीर पुतिन ने 1975 इस खुफिया एजेंसी से जुड़े हुए थे
विश्व के तमाम देश अपनी सुरक्षा के लिए गुप्तचर रखते हैं एक ऐसी एजेंसी के बारे में सोवियत संघ से हमें पता चलता है नाम है kGB। जैसा कि हम लोग जानते हैं कि सोवियत संघ 1991 में टूट गया और इसे 15 देश अलग हो गए सोवियत संघ इतना बड़ा देश देश था जिसका विश्व में और देश से अधिक क्षेत्रफल था सोवियत संघ टूटने के बाद आज इसे रूस कहा जाता है द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1954 में यह एजेंसी बनती है और सोवियत संघ के टूटने के बाद यह एजेंसी बंद हो जाती है लेकिन आज भी अगर इस एजेंसी के बारे में चर्चा की जाए तो हर देश घबरा जाता है क्योंकि इस एजेंसी का नाम में बहुत बड़े हैं । आज हम आपको इस एजेंसी की पूरी जानकारी देने वाले हैं किसने इस एजेंसी को बनाया और इस एजेंसी ने आज तक कौन-कौन सी मिशन पूरे करें हैं।
KGB किसने बनाया
KGB विश्व युद्ध के बाद 1994 में बनाया गया 1935 से 19 45 तक द्वितीय विश्व युद्ध चलाKGB का पूरा नाम स्टेट फॉर सिक्योरिटी है यह एक गुप्त संगठन है यह तमाम दूसरे देशों के लोगों को भी रोजगार दिया करता था इस संगठन का नाम एक समय में दुनिया के सबसे बड़े जासूस संगठन में से एक था मीडिया में छपी हुई रिपोर्ट के मुताबिक हमें यह पता चलता है कि लगभग 480,000 एजेंट थी इस संगठन में।
KGB की पहली रूस पुलिस क्या थी
व्लादिमीर लेनिन ने साल 1917 में रूस की पहली सुरक्षा एजेंसी चेका फिर साल 1922 में चेका मैं परिवर्तन करके राज्य राजनीतिक प्रशासन बन गया और बाद में सोवियत संघ के गठन के बाद 1930 में इसे एकीकृत राज्य राजनीतिक प्रशासन यानी OGPU के रूप में दोबारा लाया गया उसके बाद साल 1934 में पीपुल्स कमीसेरिएट ऑफ इंटरनल अफेयर्स में सम्मिलित कर लिया गया। साल 1941 में देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी पीपुल्स कमीसेरिएट ऑफ इंटरनल अफेयर्स(NKVD) से राज्य सुरक्षा राज्य सुरक्षा समिति((NKGB) को दे दी साल 1946 में दोनों एजेंसियां आंतरिक मामलों का मंत्रालय और राज्य सुरक्षा मंत्रालय में बदल दी गई मार्च 1953 में जोसेफ स्टाइलिंग की मृत्यु के तुरंत बाद राज्य सुरक्षा मंत्रालय को आंतरिक मामलों के मंत्रालय में वापस जोड़ दिया गया और फिर KGB को 1954 में कम्युनिटी पार्टी मजबूत करने के लिए बनाया गया
कितने देश में kGB थी
यह जासूसी नेटवर्क इतना पावरफुल था कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्टालिन को संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रेटर ,ब्रिटेन और फ्रांस की सैनिक गतिविधियों के बारे में सब पता था और यदि इस एजेंसी के बारे में और आपको बताएं तो यह इस स्तर तक थी कि पश्चिम की सभी खूबियां लोग इस संगठन से जुड़े थे
सोवियत संघ से अलग हुआ बेलारूस एकमात्र ऐसा राज्य है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा संगठन अभी भी kGB है
KGB को अब क्या कहते हैं
सोवियत संगठन के विखंडन के के बाद इसके आंतरिक सुरक्षा कार्यों को पहले सुरक्षा मंत्रालय के रूप में और फिर 2 साल से भी कम समय के बाद इसको फेडरल काउंटर इंटेलिजेंस सर्विस यानी FSK के रूप में दोबारा गठित किया गया और इसका नियंत्रण राष्ट्रपति के पास रखा गया इसका नाम 1995 में रूस के राष्ट्रपति पेरिस येल्तसिन ने इसका नाम बदला था
व्लादिमीर पुतिन ने 1975 इस खुफिया एजेंसी से जुड़े हुए थे
इंदिरा गांधी को मिलते थे नोट से भरे सूटकेस
कहां ऐसा जाता है कि इंदिरा गांधी के घरों में नोटों से भरे बैक नियमित ले जाया जाता था
अमेरिका दूतावास के सामने 20,000 मुसलमान के विरुद्ध प्रदर्शन की योजना
भारत में kGB के पास अमेरिका दूतावास के सामने 20000 मुसलमान के विरोध का प्रदर्शन का आयोजन करने का अवसर है प्रदर्शन की लागत ₹5000 होगी इस बजट में भारत के लिए विशेष कार्यों के लिए जोड़ा जाएगा
भारत के लिए रूस में 2.5 मिलियन रूबल का गुप्त की योजना
अप्रैल 1971 में इंदिरा गांधी की भारी जीत के 2 महीने के बाद पोलित ब्यूरो ने अगले 4 साल साल में भारत में सक्रिय उपायों की संचालन के लिए 2.5 मिलियन परिवर्तनीय पर्वत रूबल का एक गुप्त कोष की स्थापना करी और इसका नाम रखा गया DEPO
1975 से 1977 तक लियोनिद की अध्यक्षता वाली दिल्ली में मुख्य एजेंसी की रिपोर्ट ने इंदिरा गांधी को आपातकाल घोषित करने के लिए उन्हें मनाने के लिए अपने प्रभाव के एजेंट का प्रयोग का श्रेय होने का दावा किया था
1977 के चुनाव में कांग्रेस के 9 उम्मीदवार के kGB एजेंट थे
1977 के चुनाव के अभियान के दौरान 120 से अधिक बैठ की गई और एक अभियान चलाया गया जिसका नाम था KASKD .
इंदिरा गांधी के समर्थन के लिए 10.6 मिलियन रूबल खर्च किए गए
इंदिरा गांधी को मजबूत करने के लिए और उनकी राजनीतिक गतिविधि की प्रचार के लिए 10.6 मिलियन रुपए खर्च किए गए
केजीबी के पैरोल पर 10 भारतीय समाचार पत्र और एक प्रेस एजेंसी
1973 तक kGB के पेरोल पर 10 भारतीय समाचार पत्र और एक प्रेस एजेंसी थी 1975 के दौरान भारतीय अखबारों में 5510 आर्टिकल छपाई गई थी जिनमें कांग्रेस शासन के दौरान हमारा देश कैसा था इसके बारे में लिखा था
द मित्रोखिन आर्काइव II में भारत के बारे में कई सनसनीखेज खुलासे
इस किताब में बहुत सारे खुलासे किए गए और इन क्लासों के बाद भारत की मीडिया में सनसनी फैल गई और आज तक हर कोई इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहता है और हमने वह जानकारी उपलब्ध कराया हमने इस किताब को पढ़कर इसका हिंदी ट्रांसलेट करके आपको पूरी जानकारी दी है उम्मीद करते हैं आपको जानकारी पसंद आई
निष्कर्ष
उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा बताइए की जानकारी आपको पसंद आई होगी यदि कोई सवाल कमेंट करके बताएं अधिक जानकारी के लिए उम्मीद करते हैं
himanshupapnai@mysmarrttips.in