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    Canonical tag क्या होता है और इसका इस्तेमाल करके आपको क्या फायदा है।(What is Canonical tag and what are the benefits of using it)

    यदि आपके पास एक websiteहै यह आपका कोई blog है तो आपको CANONICAL LAG के विषय में जानकारी होनी चाहिए के विषय में जानकारी आपके पास होनी जानकारी आपके पास होनी चाहिए कई लोगों का गलत सोचते हैं CANONAICAL LAGके बारे में क्योंकि लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती इस विषय के ऊपर .

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    CANONAICAL LAG का मतलब डुप्लीकेट से नहीं होता। इस बात को आप अच्छे से समझ ले इसका मतलब होता है जब आपकी वेबसाइट में एक ही कंटेंट वाले बहुत सारे पेज हो जाते हैं तब आपको सर्च इंजन को बताना होता है कि आपका फेवरेट वाला पेज कौन सा है इसी को कहा जाता है CANOAICAL .

    < link rel = ”canonical” href =”http: //example.com /page.html”/>

    आपको हमने जो यह लिंक दिया है इसकी सहायता से आप अपनी वेबसाइट का canonical बड़ी आसानी से कर सकते हैं हम आपको इस पूरा आर्टिकल में बताएंगे कि आप इस कोडिंग का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं इसलिए आप हमारे इस आर्टिकल को जरूर पूरा पढ़ें और अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें

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    कैनोनिकल क्या होता है

    जब आपकी वेबसाइट में एक ही कंटेंट वाले एक से ज्यादा पेज हो जाते हैं तो आपको गूगल को बताना होता है कि आपका फेवरेट वाला पेज कौन सा है

    और यह बताने की की प्रक्रिया को ही कैनोनिकल कहा जाता है इसकी जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि यदि आपकी वेबसाइट में एक ही विषय वाली ज्यादातर पेज होंगे तो आपकी वेबसाइट को रैंक होने में समस्या का सामना करना पड़ेगा कई लोग सोच  रहे होंगे कि कैसे करना पड़ेगा समस्या का सामना  .

    तो आपको मैं बता देता हूं यदि आपकी वेबसाइट में गूगल को नहीं बताएंगे कि आपका फेवरेट पेज कौन सा है तो और पेज जो एक ही कंटेंट वाले आपकी वेबसाइट में है वह आपस में एक दूसरे को रैंक नहीं होने देंगे जिससे आपकी वेबसाइट नहीं चलेगी .

    कैनोनिकल की समस्या क्यों आती है

    इसकी समस्या आने के दो कारण है

    टेक्निकल .= जब आपकी किसी पेज को अलग-अलग URL के माध्यम से ओपन किया जा सकता है

    उदाहरण के lag

    https://www.example.com/page

    http://www.example.com/page

    https//.example.com/page

    http//.example.com/page

    इन सभी माध्यमों से आप अपने किसी पेज को अगर ओपन कर सकते हैं तो यह टेक्निकल समस्या में आता है आपके किसी एक पेज में पहुंचने के लिए इतने सारे URLहै आपके और हमारे लिए यह एक समान होंगे लेकिन गूगल सर्च इंजन के लिए यह बहुत ही अलग बात है गूगल सर्च इंजन मेंrank  होने के लिए यह आपस में लड़ते हैं .

    कंटेंट – कंटेंट एक से अधिक पेज में डाल देते हैं तो आप स्वयं ही बता दे गूगल को कि आपका फेवरेट वाला पेज कौन सा है

    canonical lag   आप गूगल को बता सकते हैं और आपके उसे पेज की रैंक भी बढ़ जाती है क्योंकि गूगल को पता होता है कि यह आपका फेवरेट पेज है .

    वर्डप्रेस में canonical lag  का इस्तेमाल आप कैसे कर सकते हैं

    वर्डप्रेस में यदि आपको  canonical lag का इस्तेमाल करना है तो हमारे द्वारा बताए गए स्टेप को फॉलो करें

    सबसे पहले आपको अपने वर्डप्रेस्ड अकाउंट में yost seo को इंस्टॉल करना है

    उसके बाद आपको अपने किसी भी आर्टिकल को ओपन करना है

    और आप आर्टिकल को जब एडिट कर रहे होंगे तो वहां पर एक ऑप्शन आता है canonical lag .

    ब्लॉगर मैं कैसे इस्तेमाल कैसे करें  canonical lag

    यदि आप ब्लॉगर में इसे इस्तेमाल करना चाहते हैं तो नीचे हमने एक कोड दे रखा है उसे कोड को आपको जाकर थीम  के ऑप्शन में जाकर head के नीचे डालना है

    <link rel = ”canonical” href =”http: //example.com /page.html”/>

    ऐसा नहीं होगा कि आपने जहां canonical lag लगाया है वही रैंक करेगा हर आपके हर पेज रैंक करते हैं यह सिर्फ एक हिंट होता है जो आप गूगल को दे रहे हैं गूगल आप इसे माने या ना माने वह गूगल के ऊपर है .

    इस बारे में आपको ध्यान रहे canonical lag के बारे में

    canonical lagऔर canonical tag 301 बड़ा अंतर होता है canonical tag 301 मतलब होता है कि जब आप किसी यूज़र को अपने दूसरे url में भेजना चाहते हैं canonical tag 301 उपयोग करते हैं

    canonical tag केमाध्यम से आप अपनी दो वेबसाइटों में एक कंटेंट दिखा सकते हैंयह कहने का मतलब है यदि आपके दो वेबसाइट हैं और एक ही वेबसाइट में अपने कंटेंट लिखा है तो आप अपने कंटेंट को दूसरी वेबसाइट में भी दिखा सकते हैं .

    यदि आपका कंटेंट इंग्लिश में है तो आपके लिए canonical lag दूसरा होगा और यदि आप hindi में लिखते हैं तो आपके लिए तो आपके लिए दूसरा होगा दोनों  कोडिंग हमने नीचे दे रखी है

    इंग्लिश के लिए =

    <link rel=”alternate”href=https://example.com/english”hreflang=”en-in”/>

    हिंदी के लिए 

    <link rel=”alternate”href=https://example.com/english”hreflang=”hi-in”/>

    <link rel = ”canonical ”href=”https//example.com/hindi”/>

    निष्कर्ष

    उम्मीद करता है हमारे द्वारा बताई गई जानकारी आपको समझ में आ गई होगी यदि आपके पास कोई सवाल है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं अधिक जानकारी के लिए आप हमें ईमेल भी कर सकते हैं हमारे ईमेल पता नीचे आपको दिया गया है

    mysmarttips.in@gmail.com

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