नमस्कार आज बात करते हैं भारत के संविधान के बारे में कैसे भारत का संविधान बना 1906 में दादाभाई नरेेजी के द्वारा एक कमेटी का गठन किया जाता है और यह कमेटी रहती है की आंतरिक चीज हम देखेंगे और बाहरी चीज ब्रिटिश सरकार देखेगी उसके बाद चुनाव नेहरू जी के पिता एक कमेटी बनाते हैं और मोतीलाल नेहरू कहते हैं यही बात ।और नाराज हो जाते हैं जवाहरलाल नेहरू अपने पिता से उसके बाद कांग्रेस में नया खून आता है 1929 में लाहौर अधिवेशन होता है और उसमें कहा जाता है कि अंतरिक्ष में हम देखेंगे मैंने आपको पिछले आर्टिकल बताया था कि खालिस्तान की मांग भी यही से शुरू हुई थी जब 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजों को यह पता चल गया कि भारत में विभिन्न समुदाय के लोग रहते हैं और इन्हें आसानी से भड़काया जा सकता है यही काम किया अंग्रेजों ने 1905 में बंगाल का विभाजन हो गया मुस्लिम लीग का गठन होता है और कांग्रेस की स्थापना अंग्रेजों 1985 में की गई लेकिन पहले इसका नाम कांग्रेस नहीं था
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!उसका नाम था राष्ट्र संघ और इसका नाम दिया था दादा भाई नई जी .1907 में कांग्रेस दो भागों में विभक्त हो जाती है नरम और गरम दल .1913 में बंगाल का विभाजन निष्क्रिय हो जाता है .1906 में मुस्लिम लीग का गठन होता है यही पाकिस्तान की मांग करता है भारत का संविधान 2 साल 11 महीने 18 दिन में तैयार हुआ था हमारा संविधान 26 दिसंबर 1949 को बन गया था और उसी दिन से कुछ नियम लागू भी हो गए थे इसीलिए माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसे संविधान दिवस कहा गया है चलिए बात करते हैं पाकिस्तान का संविधान कैसे बना इसके बारे में भी पाकिस्तान अलग हो गया तो उसके बाद पाकिस्तान ने अपना संविधान बनाया लेकिन सी को वह संविधान पसंद नहीं आया 1973 मेंपाकिस्तान का संविधान बनाया वहां की सेवा ने एक चीज और याद करने की है कि भारत ने कभी भी स्वतंत्रता के लिए सैना का प्रयोग नहीं किया क्योंकि भारत के नेता यह जानते थे कि अगर अभी हमने के दम पर स्वतंत्रता ली तो बाद मेंऔर चीजों में भी हस्तक्षेप करेगी क्योंकि उसे वक्त हम सैना के दम पर अंग्रेजों को भगा सकते थे .कई लोग सो रहे होंगे सुभाष चंद्र बोस जी ने एक सी बनाई तो थी लेकिन वह सुना बहुत ही कम थी 1914 से लेकर 1918 तक प्रथम विश्व युद्ध हुआ था उसके बाद 1935 से लेकर 1945 तक विश्व युद्ध युद्ध हुआ था इसमें भारत की सेना ने अपना अहम योगदान दिया थाजब अंग्रेज यहां शासन करते थे तो उसे वक्त वायसराय होता था .अंग्रेजों ने तो भारत को तोड़ने की योजना बना रखी थी जब हम आजाद हुए तो हमें अंग्रेजों ने कई छोटी-मोटी रियासतों में बांट दिया और कहां कि जिन रियासतों को ब्रिटिश के साथ मिलना है और ब्रिटिश के साथ मिले जिन रियासतों को स्वतंत्रता को भारत के साथ मिलने को भारत के साथ मिले
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अब इन रियासतों को एकजुट करने के लिए हमारे लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल और कई नेताओं ने अपनी अहम भूमिका निभाई हैदराबाद जूनागढ़ और जम्मू कश्मीर भारत के साथ नहीं मिल रही थी हमने हैदराबाद में जनमत संग्रह करके और निभाई हैदराबाद जूनागढ़ और जम्मू कश्मीर भारत के साथ नहीं मिल रही थी हमने हैदराबाद में जनमत संग्रह करके और और जूनागढ़ में ऑपरेशन पोलो यानी sana के जरिए हासिल कर और जम्मू कश्मीर को हमने विलय पत्र हस्ताक्षर के जरिए हासिल कर यही यही से जम्मू कश्मीर को एक विशेष दर्जा दिया जाता है जिसे कहा जाता है 370 धारा क्योंकि जम्मू कश्मीर हमारे साथ बाद में जुड़ा था उसे वक्त हमारा संविधान बन गया था तो हमने जम्मू कश्मीर से कहा कि आप अपने लिए संविधान बना दीजिए बाद में उसे संविधान को हम अपने उसमें जोड़ देंगे लेकिन जम्मू कश्मीर ने अपने लिए विशेष अधिकार बना दिया जिसे कहते हैं जिसे कहते हैं 370 धारा और 35 A चलिए अब बात करते हैं भारत के संविधान में कहां क्या है और भारत के संविधान में कैसे राज्य बनीजब भारत में भाषा के आधार पर कैसे बैठ जाए इसके लिए सोच जाने लगा पहले कमेटी बनी धर आयोग कमेटी 1948 में किसने कहा की भाषा के आधार पर राज्यों को नहीं बनता जाना चाहिए क्योंकि भारत में कई भाषा के लोग रहते हैं और यह अपने लिए अलग-अलग राज्य की मांग उठाने लग जाएंगे उसके बाद jvp आयोग बनता है 1949 में यह भी इसी बात पर निर्भर रहता है
उसके बाद 1953 में फजल अली आयोग गठन बनता है यह कहता है की भाषा के आधार पर आप राज्यों को बना सकते हैं लेकिन एक ही राज्य की वही भाषा नहीं हो और अन्य भाषा के लोग भी उसे राज्य में रह सकते हैं 1953 में आंध्र प्रदेश पहला ऐसा राज्य बना जो भाषा के आधार पर बना था 1966 में पंजाब राज्य में विरोध होने लग गया और साथ कमेटी के जरिए पंजाब को तीन भाग दिया हरियाणा हिंदी वालों के लिए चंडीगढ़ और पंजाब . और केंद्र शासित प्रदेश है चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ ही है अपनी रिपोर्ट 1956 मिली और इसमें 16 राज्य और शासित और 3 केंद्र शासित प्रदेश की मांग उठाई थी लेकिन बने 16 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेश केंद्र शासित प्रदेशों की आवश्यकता क्यों होती है चलिए इसके बारे में भी आपको सरल भाषा में बताता हूं केंद्र शासित प्रदेश इसलिए बनाए जाते हैं ताकि किसी भी राज्य में केंद्र का सीधे शान हो सके और अन्य राज्यों को केंद्र अपनी नजर बनाए रखें .क्योंकि भारत का संविधान कहता है कि भारत का कोई भी राज्य भारत से अलग नहीं हो सकता लेकिन अगर हम बात करें अमेरिका की तो वहां कोई भी राज्य अलग हो सकता है वहां के राज्यों का अलग संविधान है लेकिन भारत के राज्यों का एक ही संविधान है जो भारत कासंविधान है चलिए बात करते हैं संविधान में क्या लिखा है इसलिए इस आर्टिकल पूरा जरूर पड़े यदि आपको संविधान के बारे में पूरी जानकारी चाहिए
संविधान क्या कहता है भारत का
हमने नीचे आपको कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल बताने जा रहे हैं लेकिन समस्त आर्टिकल की जानकारी आपके यहां नहीं दी जाएगी क्योंकि यह टॉपिक बहुत बड़ा हो जाएगा इसलिए हम आपको ससरल भाषा में किस आर्टिकल में क्या लिखा है यह जानकारी दे रही है
भारत के संविधान में 395 आर्टिकल 22 भागहै
आर्टिकल 1से 4
आर्टिकल 1 से लेकर चार तक भारत क्या है इसके बारे में बात करता है कि भारत राज्यों का संघ है इसका मतलब है कि भारत की कोई भी राज्य भारत से अलग नहीं हो सकता है और इसमें केंद्र शासित प्रदेशों की बात भी की गई है .अभी के वक्त में भारत में 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेश है
आर्टिकल 2 कहता है कि आप किसी विदेशी राज्य को भारत में मिल सकते हैं 16 में 1975 को सिक्किम को हमने भारत में मिलाया था
आर्टिकल 3 कहता है कि किसी भी राज्य में आप परिवर्तन कर सकते हैं यानी इसके क्षेत्र में परिवर्तन कर सकते हैं उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड बना बिहार से झारखंड बना तो इसका मतलब है सीमा में परिवर्तन किया गया
आप किसी भी राज्य में जो परिवर्तन करने करें लेकिन इसे संविधान संशोधन आर्टिकल 368 से बाहर रखा
जाएगा
आर्टिकल 5 से 11 तक क्या है
आर्टिकल 5 से 11 तक नागरिकता के बारे में बताया गया है कि कौन भारत का नागरिक है कौन भारत का नागरिक नहीं है
नागरिकता के बारे में अरस्तू ने अच्छे से बताया था आर्टिकल 5 में है भारत के नागरिकता के बारे में आर्टिकल 6 में है भारत से पाकिस्तान गए हुए व्यक्ति के बारे में .पाकिस्तान से भारत आए व्यक्ति के बारे में भारत के बाहर रहेगा बच्चा भारतीय होगा यदि उसके माता-पिता भारती है आर्टिकल 9 बात करता है विदेशी नागरिकता लेने पर भारत की नागरिकता समाप्त हो जाएगी आर्टिकल 10 बात करता है कि सरकार तब तक किसी की नागरिकता को नहीं छीन सकती जब तक उसने कोई ऐसा काम नहीं कर रखा है तो देश के विरुद्ध हो आर्टिकल 10 बात करता है नागरिकता के कानून संसद बनाएगी जो गृह मंत्रालय के अधीन होगा
एक विषय यहां पर जानने की बात है कि भारत में एकल नागरिकता है जो इंग्लैंड के सामने ली गई है अब इसमें संशोधन भी हुए थे
नागरिकता अधिनियम 1955 में कुछ कानून बनाई गई थी
1982 1986 2003 और 2005 और उसके बाद ही कुछ और कानून बने थे की कैसे-कैसे भारत में किन आधारों पर नागरिकता दी जाए
आर्टिकल 12 से लेकर 35 तक क्या है
आर्टिकल 12 से लेकर 35 तक मूल अधिकारहै जैसे समानता का, अधिकार स्वतंत्रता का अधिकार सूचना के विरुद्ध अधिकार .अगर यह अधिकार किसी को नहीं मिले तो आर्टिकल 13 के तहत वह सर्वोच्च न्यायालय में जा सकता है एक बात याद रखने की है कि डॉ भीमराव अंबेडकर ने आर्टिकल 32 को संविधान की आत्मा बताया है यानी संवैधानिक उपचार का अधिकार .
आर्टिकल 33 कहता है कि सेना के मूल अधिकार में कमी की जा सकती है
आर्टिकल 35 से लेकर 36 तक नीति निर्देशक तत्व है
नीति निर्देशक तत्व का मतलब होता है सरकार को नीति दिखाने के लिए काम आए जो आर्टिकल उदाहरण के लिए -अभी कुछ वक्त पहले uccलाया गया है समान नागरिक संशोधन कानून यह नीति निर्देशक तत्व का आर्टिकल 44 है .यानी यदि यह आपको ना मिले तो आप केस नहीं कर पाएंगे
निष्कर्ष
उम्मीद करते हमारे द्वारा बताई गई जानकारी आपको समझ में आ गई होगी यदि आपके पास कोई सवाल है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं हमारा ईमेल आपको नीचे दिया गया है
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