जब भी हम किसी शुभ काम को करने की सोचते हैं तो सबसे पहले हम पंडित से पूछते हैं यदि घर में शादी या करियर के बारे में कुछ जानकारी चाहिए होती है तो पंडित से कुंडली कुंडली दिखाते हैं कुंडली कई बातों पर निर्भर करती है यदि आपको इन विषय के ऊपर अधिक जानकारी चाहिए तो हमें फॉलो करें
कुंडली देखना सीखे
लग्न का मतलब होता है आपकी कुंडली का पहला घर जब भी पंडित आपकी कुंडली के पहले घर को देखा है तो वह घर आपके शरीर को दर्शाता है मान लीजिए किसी की कुंडली के पहले घर में एक नंबर लिखा है तो इसका मतलब है उसकी लग्न मेष होगा लग्न का आकलन राशि के आधार पर किया जाएगा 12 प्रकार की राशियां होती है और 12 ही प्रकार के लग्न होंगे राशियों के क्रम के अनुसार चलते हैं मन मेरे पहले घर में चार नंबर लिखा है चार नंबर से कर्क राशि आ जाती है तो इसलिए कर्क लग्न मेरा होगा
मित्र राशियां- जब पंडित आपकी कुंडली को देखा है तो यह भी देखा है कि आपका ग्रह किस राशि में बैठा है और जिस राशि में बैठा हुआ उसका मित्र है या दुश्मन.
साढ़ेसाती से बचने के लिए क्या करें
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कुंडली में सूर्य का फल क्या होता है।(What is the result of Sun in horoscope)
सूर्य का फल कुंडली में क्या होता है।(What is the meaning of Sun in horoscope)
डिग्री – जब पंडित आपकी कुंडली को देखा है तो वह डिग्री का आकलन भी करता है यानी कोई ग्रह कितनी डिग्री का है यदि कोई ग्रह 0 से 6 डिग्री का है तो वह आपको 25% ही फल देता है और यदि युवावस्था में है तो 100% फल देता है और यदि वृद्ध है तो आपको 25% ही फल देगा
नक्षत्र – जब पंडित आपकी कुंडली को देखा है तो वह यह भी देखा है कि आपका नक्षत्र कौन सा है एक राशि में चार नक्षत्र होंगे पहले 28 प्रकार के नक्षत्र थे लेकिन गौरव अभिजित नक्षत्र में महाभारत का युद्ध शुरू करने वाले थे इस समय श्री कृष्ण जी ने गीता का उपदेश दिया था और अभिजित नक्षत्र को नक्षत्र की श्रेणी से बाहर निकाला था जीत नक्षत्र बहुत ही शुभ माना जाता है और बहुत ही कम समय के लिए आता है नक्षत्र चंद्रमा और तारे के मेल को कहा जाता है नक्षत्र राजा दक्ष की 27 पुत्रियां थी पत्नी को चंद्रमा बहुत ही अच्छा मानते थे और हमेशा रेवती के साथ रहती थी वह और पत्तियों को भूल गई थी इसकी शिकायत जब उनकी पुत्री ने राजा दक्ष से कहीं तो राजा दक्ष ने चंद्रमा को श्राप दिया कि तुम्हारा सौंदर्य कम हो जाएगा उसके बाद चंद्रमा ने शिव भगवान की पूजा करी और भगवान शिव ने कहा कि आपसे कृष्ण पक्ष में तुम्हारा जाकर बढ़ेगा कृष्ण पक्ष में तुम्हारा जाकर बढ़ेगा शुक्ल पक्ष में तुम्हारा जाकर घटेगा
युक्ति – जब पंडित आपकी कुंडली को देखा है तो यह भी देखा है कि उसके साथ कौन सा ग्रह बैठा है क्या शुभ ग्रह बैठा है या अशुभ ग्रह बैठा है मित्र ग्रह बैठा है या शत्रु ग्रह बैठा है और कौन सा ग्रह कितना ताकतवर है
दृष्टि – जब तुम किताब की कुंडली को देखा है तो यह भी देखा है कि कौन सा ग्रह किस घर में दृष्टि डाल रहा है यानी सूर्य अगर आपके लग्न में बैठा है तो पूरी इसकी सप्तम दृष्टि सातवें घर में पड़ी और सातवां घर पत्नी का होता है
निष्कर्ष
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