नमस्कार दोस्तों Best My Smart Tips Blog में आपका स्वागत है आज के वक्त में यदि कोई शुभ कार्य करना हो तो हम सबसे पहले पंडित से मुहूर्त पूछते हैं यदि हमें किसी की शादी करनी हो तो हम पंडित को कुंडली दिखाते हैं और कुंडली जुड़वाते हैं पंडित कुंडली को देखा है तो पंडित नक्षत्र को आकलन भाव का आकलन और कौन सा ग्रह कितनी डिग्री का है उस ग्रहण की दृष्टि कहां पड़ रही है सभी विषयों के ऊपर विचार करता है और उसके बाद उसे विषय के ऊपर आपको जानकारी देता है.
लेकिन जब कुंडली में दो या दो से अधिक ग्रह किसी एक घर में बैठ जाते हैं तो वहां पर उन ग्रहों की युक्ति से कई योग उत्पन्न हो जाते हैं उदाहरण के लिए जब किसी कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाए तो उस कुंडली में कालसर्प योग बन जाता है मंगल केतु या मंगल राहु एक साथ आ जाए तो उस कुंडली में अंगारक योग बन जाता है और यदि किसी कुंडली में बुद्धि के देव बृहस्पति और और राहु की युक्ति हो जाए तो वहां गुरु चांडाल योग बन जाता है गुरु चांडाल योग सबसे खतरनाक योग भी माना जाता है चलिए आपको बताते हैं गुरु चांडाल योग कैसे बनता है और यह जब आपकी कुंडली में बन जाता है तो इस काम करने के उपाय क्या है इसलिए हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर अपने अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें।।
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गुरु चांडाल योग क्या होता है
गुरु चांडाल योग एक ऐसा योग है जब किसी की कुंडली में बुद्धि के देव गुरु और राहु की युक्ति हो जाए तो यह योग बन जाता है गुरु चांडाल योग अगर किसी कुंडली में बनता है तो यह व्यक्ति नकारात्मक बहुत सोचता है गुरु चांडाल योग हमेशा खराब नहीं होता है कहीं कहीं पर यह अच्छे फल भी देता है निर्भर करता है गुरु और राहु की युक्ति किस भाव में बन रही है और दोनों में से कौन कितनी डिग्री का है
अगर गुरु और राहु की युक्ति आपकी कुंडली के लग्न में हो जाती है तो लग्न दर्शाता है आपके शरीर को लग्न दर्शाता है आपका सम्मान को ऐसे व्यक्ति को सम्मान नहीं मिलता है और लग्न में गुरु और राहु के होने से उनकी दृष्टि सातवें घर में पड़ती है और सातवां घर आपकी शादी से संबंधित होता है ऐसे व्यक्ति को शादी में बड़ी परेशानी होती है ऐसे व्यक्ति की शादी में कभी-कभी रूकावटे आ जाती है और कभी-कभी शादी टूट भी जाती है.
यदि किसी व्यक्ति का गुरु और राहु की युक्ति पंचम भाव में हो रही है पंचम भाव आपकी बुद्धि को दर्शाता है पंचम भाव आपकी शिक्षा को दर्शाता है ऐसी व्यक्ति की शिक्षा कभी-कभी रुक जाती है उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता
और यदि गुरु और राहु की युक्ति दशम भाव में हो जाए तो दशम भाव आपके करियर से संबंधित है दशम भाव आपका हो जाए तो यह नौकरी पाने में बहुत मुश्किलें कर सकता है
गुरु चांडाल योग कब बनता है
किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु और राहु की युक्ति हो जाए तो गुरु चांडाल योग बन जाता है यह योग जीवन में बहुत परेशानी उत्पन्न कर देता है
गुरु चांडाल योग कब खत्म हो जाता है
जब गुरु और राहु की युक्ति तो हो जाए मगर कोई और ग्रह भी बैठा हो ऐसे व्यक्ति की कुंडली में गुरु चांडाल योग खत्म हो जाता है
जब किसी की कुंडली में बृहस्पति का उच्च के स्थान पर बैठा हो तो वहां गुरु चांडाल योग काम नहीं करता
गुरु चांडाल योग काम करने के उपाय
चांडाल योग काम करने के लिए आपको मंदिर में जाना है और वहां 108 बार गायत्री मंत्र का का जाप करना है
और पीपल का पेड़ लगाए
मांसाहारी भोजन से हमेशा परहेज करें
हल्दी की माला से जाप करें गायत्री मंत्र का
निष्कर्ष
हमने इस ब्लॉग में आपको गुरु चांडाल योग ,कालसर्प योग, अंगारक योग, और कुंडली कैसे देखते हैं नक्षत्र क्या होते हैं भाव क्या होते हैं इन सभी विषयों के बारे में जानकारी थी साथ ही हमने आपको इस्तकाल कैसे निकाला जाता है यह भी बताया इष्टकाल निकालने के लिए आपको कुछ विषयों का ध्यान रखना होता है और जब आप इस्तकाल निकालना सीख जाते हैं तो आप कुंडली बनाना बड़ी आसानी से सीख जाते हैं इसलिए सबसे पहले आप इष्ट काल निकालना सीखें और यदि आपको कोई सवाल पूछे तो कमेंट करके आप पूछ सकते हैं हम आपको उसका आप देंगे और हमारी ईमेल आईडी आपको नीचे दी गई है यदि कोई सवाल है आप हमारी ईमेल आईडी में हमें भेज सकते हैं।।
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