एग्रीकल्चर में भारत कौन से नंबर पर आता है।(What number does India rank in agriculture)

नमस्कार दोस्तों Best My Smart Tips Blog में आपका स्वागत है। आज के वक्त में लगा था कृषि के क्षेत्र में भारत सरकार ध्यान दे रही है कृषि क्षेत्र में नई-नई परियोजनाएं आ रही है यदि आपको कृषि के क्षेत्र से जुड़ी हुई कोई भी जानकारी चाहिए तो आप हमारी वेबसाइट को शेयर करें और अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं एग्रीकल्चर क्षेत्र में जो परियोजनाएं आई हुई है उसके बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा बताई गई जानकारी आपको समझ में आएगी यदि आपके पास कोई सवाल है तो कमेंट करके पूछ सकते हैं अधिक जानकारी के लिए आप हमें ईमेल भी कर सकते है

कृषि के क्षेत्र में भारत की भूमिका क्या है

भारत जो की एक कृषि प्रधान देश है भारत आजादी के पहले भी और आजादी के बाद भी कृषि की एक रोजगार का जरिया बना है लगभग 75% रोजगार कृषि के क्षेत्र से लोगों को मिलता था अंग्रेजों ने जब हमें गुलाम बनाया था उस वक्त हमारी स्थिति बड़ी खराब थी।

और GDP कृषि के जरिए ही हमें मिलती थी आजादी के बाद प्रथम पंचवर्षीय योजना से शुरू करके हमने कृषि में अनाज की उत्पादन को लगातार बढ़ाया है किसी भी देश में कृषि शुरू करने से पहले alble land की । यानी कृषि योग्य भूमि की जरूरत होती है भारत का कुल क्षेत्रफल लगभग 33000000km2 है भारत में कृषि योग्य भूमि 50% है और सबसे ज्यादा कृषि योग्य भूमि है साल 2024 के रिकॉर्ड के अनुसार भारत में कृषि योग्य भूमि भारत के पास है जो की 168 मिलियन हेक्टेयर है यदि भारत के क्षेत्रफल को मिलियन में लिखा जाए तो भारत का क्षेत्रफल 330 मिलियन हेक्टेयर है।

दूसरे नंबर पर अमेरिका आता है जिसके पास कृषि योग्य भूमि लगभग 160 मिलियन हेक्टेयर है तीसरे नंबर पर चीन आता है जिसके पास 128 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है और उसके बाद रस आता है जिसके पास 122 मिलियन हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है ।

मात्र बांग्लादेश एक ऐसा देश जो अपने कुल क्षेत्रफल के डेढ़ लाख किलोमीटर का कुल 60% कृषि योग्य भूमि है भारत के पास चीन से ज्यादा कृषि योग्य भूमि है लेकिन किसी योग्य भूमि चीन के पास काम है लेकिन चीन तब भी भारत से ज्यादा उत्पादन करता है चीन अनाज उत्पादन पर पहले नंबर पर आता है भारत दूसरे नंबर पर आता है भारत के पास कृषि योग्य भूमि तो है लेकिन टेक्नोलॉजी काम है कृषि के क्षेत्र में

आजादी के समय भारत की कृषि 50 मिलियन टन था । इस साल भारत का अनाज 330 मिलियन टन अनाज पैदा होता है आजादी के समय से लेकर अब तक हम लगातार किसी के क्षेत्र में विकास कर रही है।

फुट के क्षेत्र में भारत कौन से स्थान पर है

भारत में कुल उत्पादन 330 मिलियन टन होता है जिसमें अनाज 250 मिलियन टन होता है मोटे अनाज 18 मिलियन टन होता है दालों का उत्पादन 26 10 मिलियन होता है तिलहन 37 मिलियन टन होता है सभी को जोड़ने पर 330 मिलियन टन होता है

भारत में सबसे ज्यादा चावल उत्पादित करने वाला राज्य पश्चिम बंगाल है 137 मिलियन टन । और सबसे ज्यादा चावल पश्चिम बंगाल ,उत्तर प्रदेश आंध्र प्रदेश और पंजाब आते हैं

भारत में सबसे ज्यादा गेहूं उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है और दूसरे नंबर पर पंजाब आता है गेहू का भंडार पंजाब को कहा जाता है वहीं धान का कटोरा आंध्र प्रदेश या छत्तीसगढ़ को कहते हैं भारत सबसे ज्यादा निर्यात चावल करता है और सबसे ज्यादा आयात तिलहन का होता है

जब कोई किसान अपने खेत का प्रोडक्ट किसी कंपनी को बचता है  और कंपनी उसे प्रोडक्ट को manufacturer करके उसे मार्केट में भेज देती है और GDP मैं फायदा कम आती है कंपनी लेकिन किस को बहुत ही काम फायदा होता है. आठवीं पंचवर्षीय योजना में 1992 से 1997 तक कृषि के क्षेत्र में सबसे ज्यादा ग्रोथ मिली हमारे ग्रोथ 4.72% और अभी तक इतनी ग्रोथ कभी नहीं मिली. भारत की कृषि मानसून पर निर्भर होती है यदि भारत में बरसात हुई तो यह ज्यादा अच्छी बात भी नहीं होती है और नहीं हुई तो यह भी अच्छी बात नहीं होती इनमें संतुलन होना चाहिए.

किसान कृषि की विशेषताएं क्या है को अपनी फसल का हमेशा बीमा करना चाहिए हमारे सभी किसानों को क्यों जानकारी रहती है 5 से 6 साल में एक फसल बर्बाद हो ही जाती है बीमा में 10% लगता है यानी जितनी आपकी फसल होती है उसका 10% आपको बीमा देना होता है यदि आपकी एक लाख की फसल होती है तो उसका 10% ₹10000 होता है लेकिन अगर आप 10 साल तक बीमा करते हैं तो आप ₹100000 देते हैं और यदि 10 साल में दो बार फसल बर्बाद हो गई तो आपको ₹200000 मिलता है लेकिन किसान इतना बड़ा जुआ नहीं खेलता . किसान के लिए यह बहुत बड़ी बात होती है और किस कभी भी बीमा नहीं करता . अगर किसान बीमा नहीं करता और फसल बर्बाद हो जाती है तो सरकार के ऊपर बात आ जाती है सरकार को विपक्ष घेर लेता है इसीलिए सरकार चाहती है की हर कोई बीमा करें.

कृषि का जीडीपी में 20% का योगदान है

रोजगार में 43% और अप्रत्यक्ष रूप से 58% कृषि के क्षेत्र से मिलता है

अभी तक भारत में 40 से 45 ऐसी भूमि है जिनमें यंत्रों का प्रयोग किया जाता है और ज्यादातर कृषि भूमि ऐसी है जिनमें यंत्रों की जरूरत नहीं पड़ती कृषि करने के लिए.

हमारे किसानों को आपका नाम पर सिर्फ यूरिया का पता है और यूरिया में 46% नाइट्रोजन होता है आप भूमि को कौन सा न्यूट्रिशन चाहिए इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है हमारी कृषि में दाल किसान जब अपने खेत में लगता है तो दलों के पेड़ों की जड़ों पर राइजोम  पाया जाता है जो नाइट्रोजन फिक्स करता है मात्र राजमा की दाल लगाने में राइजोम नहीं होता है और नाइट्रोजन फिक्स नहीं कर पाता जब किस दाल लगता है उसके बाद भी urea डालता है खेत में .किसान को अपने मिट्टी की जांच करनी चाहिए कि उनकी मिट्टी में कौन सा न्यूट्रिशन की कमी है

 यदि आप बाजार से 10 किलो केमिकल फर्टिलाइजर ले रहे हैं तो 6.5 किलो यूरिया होना चाहिए 2.5 किलो फास्फोरस और 1 किलो पोटाश होना चाहिए  है हर मिट्टी के लिए अलग-अलग होता है इसलिए पहले अपनी मिट्टी की जांच करें उसके बाद आपको पता चलेगा कि कितना आपको क्या डालना है हम ज्यादा urea अपने खेत में डाल रहे हैं

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हरित क्रांति क्या है।

आजादी के समय भारत में 50 मिलियन अनाज होता था आजादी के समय के समय हमारी जनसंख्या 36 करोड़ थी

और आज के वक्त में हमारी जनसंख्या 145 करोड़ है और अनाज के क्षेत्र में 330 मिलियन टन उत्पादन होता है

2011 की अनुसार शहर में 31% लोग रहते थे और 69% लोग गांव में रहते थे 13 साल के बाद यानी 2024 में शहरीकरण ज्यादा हुआ है यानी लोग शहरों में ज्यादा आए हैं आजादी के वक्त 80% लोग गांव में रहते थे और 20% शहर में रहते थे और अनाज का उत्पादन कम होता था साल 1962 और 1965 मैं युद्ध के कारण भारत की खाद्य व्यवस्था बहुत ही खराब हो गई थी यह ऐसा समय था जब हमें आदि उत्पादन बढ़ाना था द्वितीय विश्व युद्ध जब खत्म हुआ तो बहुत सारे  विकसित देशों के पास बहुत सारे केमिकल बच्चे थे उन केमिकल का प्रयोग का केमिकल खाद बनाने के लिए किया जाने लगा और इन केमिकल का प्रयोग बहुत तेजी से होने लगा

हरित क्रांति में रासायनिक उर्वरक ऑन का प्रयोग बहुत ज्यादा किया जाने लगा और उन फसलों का प्रयोग किया जाने लगा उच्च गुणवत्ता वाली यानी जो अधिक उपज दे सके . और सिंचाई में भी ध्यान दिया जाने लगा नई-नई परियोजना निकलने लगती है और कई कीटनाशक का प्रयोग किया जाने लगा

हरित क्रांति के वक्त भारत में लगातार फर्टिलाइजर का प्रयोग किया जाने लगा और भारत का उत्पादन लगा था लगातार बढ़ते रहा अब कृषि लगातार जैविक खेती की ओर को जा रही है बायोफर्टिलाइजर का प्रयोग किया जा रहा है बायोपेस्टिसाइड का प्रयोग किया जा रहा है जो की हमारे लिए बहुत ही अच्छा है क्योंकि इससे हमारी खेती को कोई नुकसान नहीं होता लेकिन रासायनिक केमिकल का प्रयोग करने से हमारी खेती को नुकसान बड़ा होता है

निष्कर्ष

उम्मीद करते हमारे द्वारा बताइए जानकारी आपको समझ में आ गई होगी यदि आपके पास कोई सवाल है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं जानकारी के लिए आप में ईमेल भी कर सकते हमारे ईमेल पता आपको नीचे दिया गया है

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