GST क्या है और कितने प्रकार की होती है।(What is GST and how many types are there)

नमस्कार दोस्तों ! Best My Smart Tips Blog में आपका स्वागत है आज के वक्त में हर कोई किसी न किसी परीक्षा की तैयारी जरूर कर रहा है ऐसे में परीक्षा में कुछ ऐसे सवाल आते हैं जिनका जवाब बहुत ही कम लोगों को पता होता है कुछ वर्ष पहले भारत सरकार ने GST लाई थी लेकिन लोग इसे समझ नहीं पाई किसी देश को चलाने के लिए टैक्स बहुत जरूरी होता है सरकार चलाने के लिए भी टैक्स की जरूरत होती है लेकिन टैक्स के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होती है कई लोग टैक्स नहीं देते हैं लेकिन जो लोग टैक्स नहीं देते हैं। यह देश विकास में रुकावट बनते हैं आज हर तरफ भ्रष्टाचार हो रहा है घूस ली जा रही है काला धन छुपाया जा रहा है जिसके कारण गरीब और गरीब होता जा रहा है जिसके कारण गरीब को दो पल की रोटी भी नहीं मिलती है हम भ्रष्टाचार करके घूसखोरी करके देश के विकास को रोक रहे हैं आज कहीं नेता है कई अभिनेता है और कई ऐसे लोग हैं जिनकी तनख्वाह बहुत ही काम है लेकिन उनके बैंक अकाउंट को देखिए तो हम आज तक की तरह जाते हैं इतना सारा पैसा उनके पास कहां से आता है पूछना चाहिए कुछ वक्त पहले आपने देखा क्यों उत्तराखंड में पेपर लिखकर मामले है पैसे देकर किसी को पास कर दिया गया और जो मेहनत करता है धैर्य के साथ चलता है वह देखता रह जाता है मैं किसी सरकार का पक्ष विपक्ष नहीं ले रहा जो बात सही है वह कह रहा हूं बहुत जरूरी होता है देश के विकास के लिए और सरकार को लेना भी चाहिए क्योंकि अगर सरकार टैक्स नहीं लगी तो देश का विकास संभव नहीं है लेकिन कुछ लोग हैं जो टैक्स के बारे में कुछ नहीं जानते बस हम बहुत ज्ञानी है दिखाने की कोशिश करते हैं ।

GST क्या है और कितने प्रकार की होती है

अक्सर मैं देखता हूं कि जब मैं कॉलेज में जाता हूं तो मेरे दोस्त भी कहते हैं कि सरकार ने टैक्स बढ़ा दिया लेकिन वह समझ नहीं पाते टैक्स बढ़ाया नहीं है टैक्स वही है लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है आज हम आपको जीएसटी के बारे में पूरी जानकारी देंगे और बताएंगे कि जीएसटी क्या होती है कैसे जीएसटी लागू होती है जीएसटी क्या-क्या मायने होते हैं इसलिए हमारी इस पोस्ट को पूरी जरूर पढ़ें अधिक से अधिक लोगों को शेयर जरूर करें।





टैक्स क्या होता है 

टैक्स का सीधा मतलब कहें तो सरकार के द्वारा लिए जाने वाला आपसे कुछ पैसे जो देश की विकास में लगाए जाते हैं टैक्स दो प्रकार के होते हैं और जिन्हें समझ में बहुत प्रॉब्लम होती है।

टैक्स के दो प्रकार होते हैं।

1: Direct taxeS = सीधे व्यक्ति से लिया जाता है उदाहरण के लिए

Income tax

Corporation tax

Property tax 

Inheritance tax 

Gift tax  

Wealth tax

2: INdirect tax = जो किसी चीज की खरीद विक्रय में लगता है उदाहरण के लिए 

Custom duty 

Excise duty     

Service tax

Sales tax

VAT

ऐसे 17 प्रकार की टैक्स है सरकार ने इन सभी टैक्सों को हटाकर GST (Goods and SERVIES Tax) लाई लेकिनDirect taxeS किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं है

GST किन्हे देना होता है  

1: जिनका सालाना लेनदेन 20 लाख का है मान लीजिए मैंने कोई सामान 20 लाख का मंगाया और मुझे उसमें फायदा 21 लाख का हुआ यह मायने नहीं रखता  कि आपको कितना फायदा हुआ और आप 20 लाख वाली सीमा में आ गए हैं तो आपको टैक्स देना पड़ेगा  ।

2: अगर आप एक राज्य से दूसरे राज्य में ₹1 का भी सामान खरीदते हैं तो आपको टैक्स देना पड़ेगा ।

3: अगर ऑनलाइन किसी भी प्रकार का लेनदेन करते तो आपको टैक्स लगेगा।        

  ध्यान देने की बात मात्र अरुणाचल प्रदेश राज्य में 10 लाख की सीमा रखी गई है अन्य राज्यों में 20 लाख की ही सीमा है ।। 

GST type कितने हैं  

जीएसटी की चार प्रकार है जो निम्न प्रकार की हैं 



Cental GST 

State GST

Union terriotory GST

Integratal GST   ।

मान लीजिए उत्तराखंड में कंपनी है जो अपना सामान बना रही है उसे समान पर दो टैक्स लगेंगे

Cental GST + State GST 

क्योंकि  भारत का एक राज्य उत्तराखंड है इसलिए उत्तराखंड दो टैक्स लगेंगे एक तो राज्य टैक्स और एक केंद्र टैक्स क्योंकि उत्तराखंड भारत का ही राज्य है इसलिए   ।।

Union terriotory GST = अब कोई केंद्र शासित प्रदेश है तो वहां दो टैक्स लगेंगे लेकिन राज्य टैक्स वहां नहीं लगेगा क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश है भारत में जो केंद्र शासित प्रदेश है उनके नाम इस प्रकार है दिल्ली, अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी

Cental GST +Union terriotory GST 

Integratal GST  = मान लीजिए उत्तराखंड में एक कंपनी है जो कुछ सामान बना रही है और बिहार राज्य में जाकर उसे बेच रही है तो ऐसे में टैक्स किसे मिलेगा केंद्र सरकार अपना टैक्स तो लगी क्योंकि बिहार हो उत्तराखंड हो भारत के ही राज्य हैं ऐसे में कंपनी अपना सामान जिस राज्य में बेच रही है उसे राज्य को टैक्स मिलता है और जहां कंपनी अपना सामान बना रही है मतलब उत्तराखंड में वहां लोगों को रोजगार मिलता है इसी को Integratal GST कहते है।

 Cental GST + Integratal GST  

इस बात को याद रखें कि टैक्स 18 परसेंट है जिसमें से 9% टैक्स केंद्र सरकार का होता है और 9% टैक्स राज्य ,केंद्र शासित प्रदेश Integratal GST  जिसमें भी आप आते हैं उसका होता है ।

INPUT Tax = 

माना मैंने कोई सामान ₹100 का खरीदा जिसमें 10% टैक्स था तो मुझे वह सामान पड़ा ₹110 का

Ouput tax : 

फिर मैंने उसे समान को ₹150 में बेचा और 10% उसे व्यक्ति ने टैक्स दिया तो कुल उसने मुझे पैसे दिए 165 रुपए

इस बात बात को ध्यान रखें की 10% टैक्स में पहले ही दे चुका हूं उसे व्यक्ति ने मुझे सामान खरीदा 165 में जिसमें 10% टैक्स था अब मुझे सरकार को टैक्स देना होगा ।

वैसे ही (100 हिसाब से हम निकलते हैं जीएसटी 

100×10÷100 =10

150 का 10% टैक्स हम निकले 

150×10÷100 =15  

आप मैं सरकार को 10% के हिसाब से टैक्स ₹10 दे दिया उस व्यक्ति ने मुझे पैसे दिए 165 रुपए उसने मुझे दिए जिसमें से 10 पर्सेंट टैक्स था तो इसका मतलब मैं सामान बेचा ₹150 में उसके बाद मुझे सरकार को टैक्स देना होगा 10 में से 15 को घटकर यानी ₹5।

15-10= 5  RS

क्योंकि मैंने पहले 10% के हिसाब से ₹10 टैक्स दे दिया है उसके बाद मुझे 15% के हिसाब से मात्र ₹5 टैक्स के देने होंगे अब आपको कितना फायदा हुआ

165-110 = 55 RS।

55RS ₹15 हम टैक्सी के काट देते हैं

55-15 = 40 RS 

₹40 का आपको फायदा हुआ है  ।।

जीएसटी रिटर्न क्या होता है।।

भारत सरकार ने जीएसटी रिटर्न करने के लिए कुछ श्रेणियां बनाई गई है जीएसटी महीने में तीन बार दी जाती है जिनके बारे में हमने आपको नीचे बता रखा है

GSTR1

GSTR 2

GSTR 2A

GSTR 3B

GSTR4

GSTR9

आपको किस श्रेणी में रखा जाएगा यह सोचने का काम आपका नहीं है बल्कि का का है चैप्टर अकाउंट कुछ लोग मानते हैं कि महीने में तीन बार हमें हिसाब करना पड़ेगा लेकिन आप यह भी सोचिए कि तीन बार अगर आपको महीने में हिसाब करना पड़ेगा तो वह बहुत ही काम होगा आपको ज्यादा दिक्कत नहीं लेनी होगी

 जीडीपी किन-किन सामानों में लगती है और कितनी लगती है।

0% = milk, egg ,cereal,।

5% = sugar, spics,टी

12% = computer, procesed food 

18% = School bag 

28% = Air conditions and luXY items 

आप इस बात को समझ लीजिए कि भारत सरकार गेहूं आटा दूध में किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लेती है लेकिन इस बात पर मुझे अफसोस होता है कि भारत सरकार स्कूल बैग पर 18% टैक्स लेती है

GSTIN क्या है

GSTIN का पूरा नाम Good and SERVIES Tax network होता है अगर आप कोई टैक्स देते हैं तो गूगल मैं आपको सर्च करना होता है GSTIN और वहां अपना अकाउंट बनाना होता है उसके बाद 15 दिन के बाद आपका एक नंबर आता है वह नंबर 15 अंकों का होता है उदाहरण के लिए =

22AAAAAAAAA125

इस 15 अंकों में आगे के दो नंबर आपके राज्य को दर्शाते हैं और पीछे के तीन नंबर यूनिक नंबर होते हैं जो हर किसी के अलग-अलग होते हैं और बीच के जो नंबर है वह आपके पैन कार्ड के नंबर होते हैं

GST COUNCIL मैं कितने मेंबर होते हैं

जीएसटी काउंसिल में कुल 33 मेंबर होते हैं जो निम्न प्रकार

वित्त मंत्री जो जो कि जीएसटी के अध्यक्ष होते हैं वर्तमान में जीएसटी के अध्यक्ष निर्मला सीतारमण की हैं जो कि भारत की वित्त मंत्री हैं

एक राज्य मंत्री = 1

राज्य के वित्त मंत्री = 28

विधानसभा (UT)  = 3

कुल संख्या हुई =  33

आज के आर्टिकल पर हमारी राय

आज किस आर्टिकल में हमने आपको जीएसटी से संबंधित संपूर्ण जानकारी दे रखी है कई लोग सोच रहे होंगे कि आज के इस आर्टिकल में हमने आपको गणित पढ़ा दी है लेकिन इस विषय में संपूर्ण जानकारी हर किसी को नहीं थी इसलिए हमने सोचा आज आपके संपूर्ण जानकारी देते हैं और गणित भी पढ़ते हैं यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट करके अवश्य बताएं अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें और हमें आप किसी विषय के ऊपर आर्टिकल लिखना है यह जानकारी हमें अवश्य दें ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ