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    TCP-IP क्या है ?।। (What is TCP-IP ? )

    ByHimanshu Papnai

    Nov 28, 2021

    नमस्कार दोस्तों Best My Smart Tips Blog में आपका स्वागत है हम इंसान एक दूसरे से बात करने के लिए अपनी बातों को साझा करने के लिए और दूसरों की बातों को समझने के लिए एक दूसरे के साथ बातचीत (conversation) करते हैं बिना किसी बातचीत के बातें साझा नहीं की जा सकती है इंसानो के तरह ही कंप्यूटरो को भी एक दूसरे के साथ communicate के लिए एक जरिए का होना बहुत आवश्यक है जिससे कंप्यूटरो के बीच डेटा को आसानी से साझा किया जा सके।इंसान अपनी भाषा का उपयोग करके संवाद (communicate) करते हैं और आज के वक्त में भी सभी कंप्यूटर एक दूसरे से संवाद (communicate)करने के लिए TCP या IP का इस्तेमाल करते हैं आज के इस लेख में हम जानने वाले हैं TCP और IP क्या होता है अगर आप को TCP / IP के ऊपर पूरी जानकारी चाहिए तो आप हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।।

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    TCP /IP क्या होता हैं ?

    TCP /IP का पूरा नाम Transmission Control protocol /Internet protocol  हैं। TCP/IP नियमों का एक ग्रुप होता है जो कंप्यूटरो को एक दूसरे  के  साथ नेटवर्क जैसे इंटरनेट Communicate  करने के लिए अनुमति प्रदान करते हैं वैसे तो कंप्यूटर अकेले ही हजारों काम करने के काबिल है लेकिन इसकी असली ताकत तो तब पता चलती है जब कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर के साथ communicate कर पाते हैं

    कंप्यूटर को  नेटवर्क के माध्यम से चाहे हम कोई भी काम करवा ले जैसे ईमेल भेजना सोशल नेटवर्किंग साइट के द्वारा चैटिंग करना इन सभी कार्यों में अलग-अलग कंप्यूटर एक दूसरे के साथ communicate करते हैं फिर चाहे वह कंप्यूटर किसी देश में हो । कंप्यूटर किसी भी कंपनी का हो और कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल किया गया हो कम्प्यूटर्स communicate कर पाते हैं protocol की सहायता से ।

    Protocol नियमों एवं प्रक्रियाओं के ग्रुप को कहते हैं जिन्हें सफलतापूर्वक conversation करने के लिए प्रत्येक डिवाइस को इस नियम का पालन करना पड़ता है जैसे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से बात करने के लिए एक नियम का पालन करता है जिसमें उसे सामने वाले के के साथ कैसे पेश आना है और कैसे बातें करनी हैं । ये पता होता है ।ठीक उसी तरह एक कंप्यूटर को भी दूसरे कंप्यूटर के साथ कैसे communicate करना हैं इसके लिए भी नियम बनाए गए हैं  । इन्हीं नियमों को के ग्रुप को TCP /IP कहा जाता हैं।

    TCP/IP एक  स्टैंडर्ड प्रोटोकोल हैं जिनके के जरिए इंटरनेट नेटवर्क या  इंटरनेट डिवाइस के बीच सूचना का आदान प्रदान होता है यह प्रोटोकॉल एक गाइडलाइन जारी करता हैं जिसका पालन करते हुए कंपनियां अपने कंप्यूटर डिवाइस और हार्डवेयर बनाते हैं 

    TCP/IP  एम्प्लिटेशन लगभग सभी प्रकार के हार्डवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए समान रूप से काम करता है इसलिए सभी प्रकार के नेटवर्क TCP/IP के प्रयोग के द्वारा आपस में कनेक्ट हो पाते हैं।

    इनका उपयोग डाटा को सुरक्षित रूप से भेजने के लिए किया जाता है प्रोटोकॉल के माध्यम से ही इंटरनेट में कोई भी सूचना ही जगह से दूसरी जगह तक पहुंचती है जब हम अपने कंप्यूटर से कोई डेटा अपलोड करते हैं । तो इस प्रक्रिया को TCP/IP के जरिए कंट्रोल किया जाता है क्योंकि जब इंटरनेट से कोई फाइल अपलोड होती है तो ये  प्रक्रिया एक पैकेट के रूप में होती है पैकेट्स में डेटा का समुह होता है और TCP का कार्य केवल इन पैकेट्स को हमारे कम्युटर में अपलोड और डाउनलोड होते वक्त उसे कंट्रोल करना होता है।

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    TCP/IP कार्य कैसे करता है ?

    इंटरनेट के द्वारा उपयोग किया जाने वाला कम्युनिकेशन प्रोटोकोल TCP/IP हैं। TCP/IP दो कंप्यूटरों के बीच सूचनाओ को भेजता है और कम्युनिकेशन की सुविधा उपलब्ध कराता है ये Protocol इंटरनेट में  डेटा सुरक्षित रखते हुए उस  डेटा उसके निश्चित स्थान  तक पहुंचाते हैं। ये प्रोटोकॉल दो भागों में बांटे गए हैं

    1:  TCP 

    2: IP 

    TCP का कार्य डेटा को छोटे-  छोटे भागों में बांटना होता है जो इंटरनेट में डेटा ट्रांसफर करने में प्रयोग किया जाता है ये किसी फाइल या संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने में  सहायक होता है ।

    IP  का कार्य  TCP के द्वारा विभाजित किए गए पैकेट्स का एड्रेस बताता है ताकि प्रत्येक पैकेट्स सही रास्ते भेजा जा सके । 

    इसका मतलब है TCP एक पूरे डेटा को छोटे-छोटे डाटा पैकेट के रूप में  विभाजित  कर देता हैं । और इसे इंटरनेट में भेज देता है अब IP इस डेटा को उसके निश्चित स्थान तक पहुंचाता है जिससे इंटरनेट और नेटवर्क के बीच कम्युनिकेशन स्थापित हो जाता है इन दोनों प्रोटोकॉल में बिना इंटरनेट के कम्युनिकेशन संभव नहीं है यह प्रोटोकॉल इंटरनेट से जुड़े हुए प्रत्येक कंप्यूटर  इस्तेमाल किया हैं चाहे वह laptop हो , पर्सनल कंप्यूटर हो या  सुपर कंप्यूटर हो ये सभी में समान रूप से लागू होता हैं। और इंटरनेट से जुड़े हुए प्रत्येक नेटवर्क में प्रयोग किया जाता है किसी नेटवर्क का सबसे महत्वपूर्ण  protocol  TCP या IP होता हैं ।

    जो अपने आप में बहुत सारे प्रोटोकॉल से मिलकर बना होता है इसीलिए इसे TCP/ IP protocol suite  या  TCP/IP रेफरेंस माॅडल  कहा जाता हैं इस मॉडल में 4 लेयर होते हैं जो प्रोटोकॉल के काम को पूरा करने में सहायता  करते हैं। जब TCP sendसer से लेकर उन्हे विभाजित करके  पैकेट्स बनता हैं । और पैकेट्स  को रिसीवर के पास भेजता है। सभी लेयर में कम्युनिकेशन एक कार्य को बांटा गया है और इन लेयरो का काम भी एक दूसरे से अलग होता है।

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    इन लेयर के नाम हैं

    1:  application layer

    2: transpor layer

    3: internet layer

    4 : network access layer

    1:Application layer क्या होती हैं  ?

    ये लेयर TCP/IP मॉडल की सबसे पहली लेयर है ये लेयर कंप्यूटर एप्लीकेशन को नेटवर्क सर्विस उपलब्ध कराने में मदद करता हैं । ये लेयर यूजर कम्युनिकेशन के लिए इंटरफ़ेस उपलब्ध कराता है इसमें यूजर अपने विभिन्न एप्लीकेशन जैसे= ब्राउज़र,FTP ,email आदि के साथ कार्य करता है इस लेयर का काम transpor layer  डेटा भेजना ये layer  बहुत सारे प्रोटोकॉल  का इस्तेमाल करता है जैसे = HTTP ,DNS, FTP ,TFTP,SMP ,SNMP ,TELNET .Application layer  transpor layer को डेटा भेजती है और उससे डाटा रिसीव करती है

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    2:Transpor layer क्या होता हैं ?

    ये  लेयर डाटा के ट्रांसमिशन के लिए जिम्मेदार होती है इसका कार्य नेटवर्क के विभिन्न होस्ट कम्युटर के मध्य  कम्युनिकेशन निर्धारित करना होता है transpor layer में  flow control और error checking होता हैं ताकि दो  कम्युनिकेशन  के बीच में कोई भी डेटा अपने रिसीवर और सेंटर तक पहुंच सके। इस लेयर में दो  मुख्य प्रोटोकॉल कार्य करते हैं

    1: Transmission Control protocol ( TCP )

    2: User datagram protocol (UDP)

    इस लेयर में TCP और UDP में भेजी जाने वाली बड़ी सूचनाओं को application layer से प्राप्त कर की छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित करके इंटरनेट लेयर में भेजते है।

    इसमें  TCP Reliable protocol और  connection oriented   प्रोटोकॉल  होता हैं । क्योकि TCP डेटा ट्रांसमिशन  से पहले कलेक्शन सेटअप करता है Reliable कलेक्शन होने बाद ही डेटा को  साझा  करता हैं । TCP में डेटा packert  पहुंचने की गारंटी होती है इसीलिए इसे Reliable protocol कहा जाता हैं।

    UDP एक connectionless  प्रोटोकोल होता है क्योंकि UDP डेटा ट्रांसमिशन के कलेक्शन  में स्थापित नहीं करता हैं। और ना ही डेटा  ट्रांसमिशन गारंटी देता है। इसीलिए UPD प्रोटोकॉल को unreliable protocol कहा जाता है । लेकिन UDPकी तुलना में TCP  धीरे काम करता  हैं।

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    3:internet layer क्या होता है ?

    ये लेयर नेटवर्क में connectionless कम्युनिकेशन उपलब्ध कराती है इसका कार्य अलग अलग नेटवर्क या होस्ट को आपस में कनेक्ट करना होता है।  नेटवर्क में packet की मूमेंट को कंट्रोल करना भी लेयर का काम होता है। इसमे transpor layer से छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में सूचना को प्राप्त कर डाटा को IP datagram के रूप मे पेकेज किया जाता है 

    ये datagram Source IP address  तथा  destination ip address  कंटेन  किए रहते हैं जिससे की डाटा को send तथा  डेटा  रिसीव जा सके । इस लेयर में  मुख्य  प्रोटोकॉल होते है । जैसे 

    1: internet protocol (ip)

    2:internet control message protocol (ICMP)

    3: address resolution protocol (ARP)

    4: reverse address resolution protocol (RARP)

    5: Internet group management protocol (IGMP)

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    4:network access layer क्या होता है ?

    ये लेयर TCP /IP  मॉडल की अंतिम लेयर हैंnetwork access layer ये बताती है कि किस प्रकार डेटा नेटवर्क मे सेड होता हैं । इस लेयर में किसी ना किसी नेटवर्किंग डिवाइस जैसे =  NIC ,wifi,Bluetooth, DSL आदि का इस्तेमाल होता है। जो विभिन्न कंप्यूटर्स को  सर्वर से कनेक्ट करने कार्य करता हैं। ये हमारे कम्यूटर को सर्वर कम्यूटर या किसी अन्य कम्यूटर डाटा packet को सेड या  रिसीव करने कार्य करता हैं । 

    निष्कर्ष 

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