दोस्तों आपने कभी ना कभी अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन के बारे में अवश्य सुना होगा और आर्मी यह भी सुना होगा कि यह पृथ्वी के चक्कर लगा रहा है और यह गिरता क्यों नहीं क्या इसका ईंधन कभी खत्म नहीं होता और इसमें ऐसा कौन सा ईंधन उपयोग किया गया है जिससे और लगातार चलता जारहा है। आप मुझे तो पता होगा कि चंद्रमा में हमारी पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बहुत जाता है जिससे वह अपने कक्ष पर घूमता नहीं है। लेकिन हमें चंद्रमा का एक ही हिस्सा दिखता है दूसरा हिस्सा नहीं दिखता लेकिन चंद्रयान-3 में हमने दक्षिणी ध्रुव पर उतारा जहां भारत दक्षिण ध्रुव पर अपना मिशन उतारने वाला पहला देश विश्व बन गया और इन स्पेस स्टेशन पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण काम क्यों नहीं करता। और यह गिरते क्यों नहीं इन सभी विषयों के ऊपर आज आपको इस आर्टिकल में जानकारी दीजाएगी
अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन क्यों नहीं गिरते
अगर इसके बारे में आसानी से आपको बताया जाए तो इस स्पेस आवास भी कहा जा सकता है अंतरिक्ष के बारे में अधिक जानकारी के लिए स्पेस स्टेशन का बनाना बहुत जरूरी था पहले स्पेस स्टेशन सलूट वन 1971 में सोवियत संघ के द्वारा भेजा गया एक बार में इतने बड़े स्टेशन को अंतरिक्ष भेजना संभव नहीं था इसलिए उसके थोड़े-थोड़े भागो को अंतरिक्ष में भेजा गया और बाद में अंतरिक्ष में जोड़ दिया गया
वर्तमान में अंतरिक्ष में 11 अंतरिक्ष स्टेशन भेजे गए हैं अभी दो सक्रिय है
- अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS): यह अमेरिका, रूस, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, जापान और कनाडा का संयुक्त उपक्रम है।
- तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन (Tiangong Space Station): यह चीन का अंतरिक्ष स्टेशन है।
अंतरिक्ष में जो स्पेस स्टेशन है क्योंकि अंतरिक्ष में जितने भी ग्रह है बहुत भारी वस्तुओं को अपनी ओर को खींचती है और जो स्टेशन है उसमें गुरुत्वाकर्षण लगता है लेकिन वह नियमित एक गति कर रहा है जिसके कारण उसमें अभिकेंद्र बल लग रहा है और अभिकेंद्र जो बाल होता है वह गुरुत्वाकर्षण के उल्टे काम करता है यानी वह वस्तु को बाहर फेंकता है अब होता यह है कि जब गुरुत्वाकर्षण पाल जितना लग रहा होगा उतना ही अभिकेंद्र इसे बाहर की ओर को फेंकने की कोशिश करता है जिसके कारण अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन गिरते नहीं है
निष्कर्ष
उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा बताई गई जानकारी आपको समझ में आ गई होगी यदि कोई सवाल है तो कमेंट करके बताएं
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