भारत जो कृषि के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है भारत के वैज्ञानिक लगातार नई-नई वैरायटी बनाकर किसानों के फसल को बेहतर बनाने का काम और 30 को कृषि के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाने का काम कर रही है लाल बहादुर शास्त्री जी ने कहा था आज भारत हर क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है भारतीय कृषि अनुसंधान यानी icAR संपादित करने वाला विश्व का पहला देश बन चुका है चलिए आपको बताते हैं जीनोम संपादित क्या होता है और कृषि के क्षेत्र में इन दो किस्म का क्या फायदा होगा।।
नाबार्ड ग्रेड ए और ग्रेड बी की तैयारी कैसे करें|(How to prepare for NABARD Grade A and Grade B)
B.S.C Agriculture में कौन सी जॉब है।(What is the job in B.S.C Agriculture)
क्या है जिनोम एडिटिंग तकनीक
- यह एक आधुनिक वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है जिसमें पौधों के डीएनए में बदलाव करके उनमें वांछित गुण विकसित किए जाते हैं जुनून संपादन की तीन विधियां होती है
- SdN -1
- SdN -2
- SdN-3
SDN -1 , SDN-2 तकनीक को 30 से ज्यादा देशों में मंजूरी मिल चुकी है भारत सरकार ने साल 2022 में एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें कहा गया था SDN -1 , SDN-2 की तकनीक से तैयार उत्पादकों को पारंपरिक फसलों के बराबर माना जाएगा
अमेरिका ने इस तकनीक पर अब तक 22000 करोड रुपए खर्च किए हैं वहीं यूरोप ने 1300 करोड रुपए खर्च किए और एशिया में 3500 करोड रुपए खर्च हुए और भारत में भी 500 करोड रुपए की बड़ी परियोजना पर काम चल रहा है
कमला किम में है ये खासियत
- 20 से 25 दिन पहले तैयार हो जाती है
उत्पादन अधिक होता है - कम पानी की जरूरत होती है
- मजबूत तना बारिश में नहीं टूटता
- काम नाइट्रोजन और फास्फोरस खाद्य की जरूरत होती है
- ऑल इंडिया लेवल पर ट्रायल सफल रहा
PUSA DSTA-1 की क्या खासियत
- 40 से 50% से ज्यादा उत्पादन
- 2 साल तक इस पर टेस्टिंग हुई उसके बाद इसे मंजूरी मिली
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई है कमला और PUSA DSTA-1 विश्व में पहली जिनोम एडिटिंग किस्मे है।
निष्कर्ष
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