भारतीय कृषि अनुसंधान के बारे में आज हर कोई जानता है और जो छात्र कृषि से संबंधित कोई कोर्स कर रहा हो या उसे किसी से संबंधित किसी विषय के ऊपर कोई जानकारी लेनी हो तो वह गूगल में किसी विषय के ऊपर सर्च करता है तो भारतीय कृषि अनुसंधान की रिसर्च को वह अवश्य पड़ता है भारतीय कृषि अनुसंधान जिसकी शुरुआत 1929 में तो हो गई जिसने भारत में हरित क्रांति के वक्त और भारत के कृषि क्षेत्र को एक अलग स्थान देने के लिए लगातार नए रिसर्च किया जा रहे हैं भारतीय कृषि अनुसंधान की वजह से ही आज भारत विश्व में दूसरे नंबर पर चावल उत्पादित करने वाला और विश्व में दूसरे नंबर पर गेहूं उत्पादित करने वाला देश बन चुका है आज हम आपको बताएंगे कि आईसीआर की शुरुआत कैसे हुई ? और भारत को आत्मनिर्भर और कृषि के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि कैसे मिली इसलिए आप इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें आज आपको बताया जाएगा आईसीएआर की शुरुआत हुई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!भारतीय कृषि अनुसंधान की शुरुआत कैसे हुई
भारत में कृषि अनुसंधान की शुरुआत 1989 में पुणे में स्थित बायो टेक्निकल लाइब्रेरी और 1905 बिहार के जिले समस्तीपुर के पूसा नामक स्थान imperial laboratory बढ़ावा देने हेतु 1929 में आईसीआई का गठन किया गया
भारतीय कृषि अनुसंधान के गठन के बाद लगातार कृषि के क्षेत्र में नई तकनीक का और खाद्य सुरक्षा को लेकर लगातार नए-नए रिसर्च किए गए पहले जहां भारत खाद्य आर्यात करता था वही आज भारत खाद्य निर्यात बन गया बासमती चावल निर्यात से ही 33000 करोड़ विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है
भारतीय कृषि अनुसंधान के 102 संस्थान 75 विश्वविद्यालय और 721 कृषि विज्ञान केंद्र इसको विश्व में सबसे बड़ा कृषि संगठन बनता है तकनीक और कई टेक्नोलॉजी का का प्रयोग करके श्वेत क्रांति यानी दूध के उत्पादन को बढ़ाना
नील क्रांति यानी अंडे की उत्पादन को बढ़ाना और धन क्रांति का मतलब मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ाना जैसी कई क्रांति समय-समय पर भारतीय कृषि अनुसंधान लाते रहता है
गन्ना के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान के द्वारा उत्तर भारत में उगाई जाने वाली CO -238 किस्मे उगाई जा रही है और भारतीय कृषि अनुसंधान 1950 के मुकाबले
खाद्यानु में 6 गुना
बागवानी में 3.2 गुना
अंडे में में 18 गुना
दूध में 11 गुना
और विश्व में भारत सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाला देश बन चुका है भारतीय कृषि अनुसंधान समय-समय पर किसानों के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी किसानों के लिए आ रही है
आईसीआर परीक्षा क्या है
अगर आप कृषि से संबंधित पढ़ाई करना चाहते हैं तो भारतीय कृषि अनुसंधान मैं आप एडमिशन लेकर अपनी पढ़ाई शुरू कर सकते हैं लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान में एडमिशन लेने के लिए आपको एक परीक्षा देनी होती है जो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी करती है
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भारतीय कृषि अनुसंधान की परीक्षा कब होती है
भारतीय कृषि अनुसंधान की परीक्षा फरवरी के अंतिम दोनों में या मार्च के पहले में इसका नोटिफिकेशन आ जाता है
आईसीएआर के जरिए आप कौन सा कोर्स कर सकते हैं
आईसीएआर के जरिए आप ग्रेजुएशन में
B.S.C in Agriculture
B.Tech in Agriculture
दोनों कोर्स कर सकते हैं
पोस्ट ग्रेजुएशन में M.S.C in Agriculture
M.Tech in Agriculture
दोनों कोर्स कर सकते हैं
आईसीएआर परीक्षा देने के लिए योग्यता
आपको 12 पास होना चाहिए आप किसी भी सब्जेक्ट PCB ,PCM , एग्रीकल्चर सब्जेक्ट से पास करनी होगी
परीक्षा फीस कितनी होती है
- General- 750
- OBC/EWS – 700
- SC/ST – 650
आईसीएआर का फॉर्म कब निकलता है
इसका फॉर्म फरवरी या मार्च में निकलता है
आईसीएआर का एग्जाम पैटर्न क्या होता है
- इसका एग्जाम कंप्यूटर बेस होता है 180 प्रश्न पूछे जाते हैं
- और आपके सभी प्रश्नों के आंसर देने के लिए 2.30 घंटे का समय मिलता है
- और इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको 50% मार्क्स लाने होंगे
- और इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी है यदि आप इस परीक्षा में एक गलत उत्तर देते हैं तो आपका एक नंबर करता है
आईसीएआर सिलेबस क्या है
आईसीएआर की परीक्षा में आपसे फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी , मैथ और एग्रीकल्चर से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं।
निष्कर्ष
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