• December 3, 2025 9:52 am

    भारत का डेयरी सेक्टर: विश्व में नंबर 1 बनने तक की पूरी कहानी

    ByHimanshu Papnai

    Dec 1, 2025 #INDIA, #news
    भारत का डेयरी सेक्टर: विश्व में नंबर 1 बनने तक की पूरी कहानीभारत का डेयरी सेक्टर: विश्व में नंबर 1 बनने तक की पूरी कहानी

    भारत आज विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। वैश्विक स्तर पर कुल दूध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी लगभग 25% है, जो इसे ग्लोबल मिल्क प्रोडक्शन में नंबर 1 बनाती है। भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में डेयरी सेक्टर सबसे बड़ा योगदान करने वाले क्षेत्रों में से है, जिसकी राष्ट्रीय GDP में हिस्सेदारी लगभग 5% है। यह सेक्टर 8 करोड़ से अधिक किसानों और ग्रामीण परिवारों को रोजगार प्रदान करता है। दूध को एक Complete Food माना जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम तथा विटामिन-B कॉम्प्लेक्स जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं। भारत में दूध, दही, मक्खन, पनीर और घी जैसे डेयरी उत्पाद हमारी दैनिक जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं।

    भारत के डेयरी सेक्टर को इस मुकाम तक लाने का श्रेय “मिल्क मैन ऑफ इंडिया” कहलाए जाने वाले डॉ. वर्गीज़ कुरियन को जाता है। उनके नेतृत्व में 1970 में ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत हुई, जिसने पूरे देश में अमूल मॉडल को लागू किया। 1965 में National Dairy Development Board (NDDB) की स्थापना हुई, जिसने डेयरी उत्पादन, विपणन और सहकारी समितियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मॉडल ने छोटे किसानों को सीधा लाभ पहुंचाया और भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। विश्व के कई देशों ने इसी मॉडल को अपनाकर अपने डेयरी सेक्टर को मजबूत किया।

    भारत में दूध उत्पादन की क्षमता पिछले वर्षों में तेजी से बढ़ी है। 2014 में दूध उत्पादन 146.30 मिलियन टन था, जो 2023 तक बढ़कर 239.30 मिलियन टन हो गया। वर्तमान में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 471 ग्राम प्रतिदिन है। 2014 से 2022 के बीच पशुओं की औसत उत्पादकता भी बढ़कर 27.39 किलोग्राम/दिन हो गई है, जो डेयरी सेक्टर की तकनीकी प्रगति और बेहतर पशुपालन प्रथाओं का परिणाम है।

    भारत सरकार ने डेयरी सेक्टर को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें National Programme for Dairy Development (NPDD), Rashtriya Gokul Mission, National Livestock Mission, Dairy Processing & Infrastructure Development Fund (DIDF) और Animal Disease Control Programme शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत चिलिंग प्लांट, टेस्टिंग लैब, प्रोसेसिंग यूनिट्स, स्वदेशी नस्लों का संरक्षण, पशु चिकित्सा सेवाएँ और आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

    डेयरी सेक्टर में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। लगभग 70% डेयरी गतिविधियों में महिलाएँ प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई हैं। NDDB के अनुसार 48,000 से अधिक Women-led Dairy Cooperative Societies देशभर में सक्रिय हैं। कई Milk Producer Organizations (MPOs) पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित हैं, जिससे ग्रामीण महिलाओं में आर्थिक स्वतंत्रता और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है।

    GST सुधारों का डेयरी सेक्टर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पाश्चराइज्ड मिल्क और पनीर को GST मुक्त रखा गया है, जबकि घी, मक्खन और चीज़ पर GST को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे डेयरी उत्पादों की लागत कम हुई और किसानों तथा उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिला। आइसक्रीम पर भी GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

    2024 में घोषित गोपाल रत्न अवार्ड ने भारत के श्रेष्ठ दुग्ध उत्पादक किसानों, सहकारी समितियों और AI तकनीशियनों को सम्मानित किया। महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, केरल, उत्तराखंड और तमिलनाडु जैसे राज्यों के विजेताओं ने डेयरी सेक्टर की गुणवत्ता और नवाचार को नए स्तर पर पहुंचाया।

    भारत अब White Revolution 2.0 की ओर बढ़ चुका है, जिसे 2024–2030 के लिए लॉन्च किया गया है। इसके अंतर्गत 75,000 नई डेयरी कोऑपरेटिव सोसाइटीज बनाने, 46,000 से अधिक मौजूदा समितियों को मजबूत करने, महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, नए मिल्क प्लांट और चिलिंग सेंटर्स विकसित करने तथा किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम भारत के डेयरी भविष्य को और अधिक मजबूत बनाएगा और ग्रामीण रोजगार को बड़े पैमाने पर बढ़ाएगा।

    निष्कर्ष

    भारत का डेयरी क्षेत्र आज ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, खाद्य सुरक्षा और रोजगार का सबसे मजबूत स्तंभ बन चुका है। डॉ. वर्गीज़ कुरियन की सोच, सहकारिता मॉडल, किसानों की मेहनत और सरकारी नीतियों ने भारत को दूध उत्पादन में विश्व का अग्रणी देश बना दिया है। White Revolution से White Revolution 2.0 तक की यह यात्रा भारत की कृषि और ग्रामीण समृद्धि की सबसे बड़ी सफलता कहानी है।

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