उत्तराखंड जहां किसी समय पर 52 गढ़ होते थे इसे गानों का देश कहा जाता था उत्तराखंड जिसे अनुसूचित 5 में लाने का आज यहां के लोग बात कर रहे हैं वैसे उत्तराखंड अनुच्छेद 371 के तहत विशेष राज्य का दर्जा हासिल है विशेष राज्य में सरकार और केंद्र सरकार मिलकर किसी परियोजना पर अगर काम करते हैं तो केंद्र सरकार राज्य सरकार से ज्यादा अपना अपना बजट रखती है लेकिन कुछ समय पहले लद्दाख में अनुसूची 6 के अंदर लद्दाख को रखने की बात की जा रही थी और उत्तराखंड अनुसूचित पांच के अंदर यहां के लोग रखने की बात कर रहे हैं उत्तराखंड को पहले 371 आर्टिकल के तहत विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है कुछ समय पहले पुष्कर सिंह धामी सरकार के द्वारा उत्तराखंड में भू कानून लग गया है । चलिए बात करते हैं उत्तराखंड क्यों बात कर रहा है अनुसूची 5 के अंदर आने का। भारत के संविधान में आर्टिकल 244 A जनजाति क्षेत्र के बारे में बात करता है और इसी से संबंधित अनुसूची 5 भी है।
उत्तराखंड क्यों बात कर रहा है अनुसूचि 5 के अंदर आने का।
उत्तराखंड संस्कृति सभ्यता और पिता और एकता के लिए माना जाता है इसकी संस्कृति आज पूरे विश्व में विख्यात है जब उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग किया गया तब कई आंदोलन हुए थे कई आंदोलन भी प्रदेश में हुए
मानस खंड और केदार खंड के बारे में पहले ही हमारे वेदों में लिखा गया है।
- अनुसूची 5 के अंदर अगर उत्तराखंड को रखा जाता है तो उत्तराखंड की सभ्यता यहां की संस्कृति और यही के लोग यहां काम कर सकेंगे क्योंकि अनुसूची पांच के अंदर अभी मात्र चार राज्य आते हैं छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश जैसे कई राज्य आते हैं और इन राज्यों की संस्कृति बची रहती है उत्तराखंड में एक हिमालय राज्य है यहां के संस्कृति अनमोल है इसलिए यहां के लोग यहां के संस्कृति को बचाने के लिए इस अनुसूची का लागू करने के लिए उत्तराखंड में कह रहे हैं
निष्कर्ष
उम्मीद करते हमारे द्वारा बताइए जानकारी आपको समझ में आ गई होगी यदि कोई सवाल है यदि आपको 35 A और 370 के बारे में जानकारी चाहिए तो हम आपको इसके बारे में भी जानकारी प्रदान करेंगे यदि आपको सीआरसी इंडियन एविडेंस और आईपीसी के तहत किसी भी प्रकार की कोई जानकारी चाहिए या किसी धारा के बारे में कोई जानकारी चाहिए तो हम आपको यह जानकारी प्रदान करेंगे
।उत्तराखंड का इतिहास क्या है|(What is the history of Uttarakhand)