आज मैं आपको बताने वाला हूं कि प्लांट ब्रीडिंग में कोई नई वैरायटी कैसे बनाई जाती है इसके लिए कई तकनीकी प्रयोग किए जाते हैं क्रॉप के अंदर इनका नाम होता है सबसे पहले आप जानिए की कोई भी क्रॉप का सिलेक्शन कैसे किया जाता है आज हम इस पूरे विषय के अंदर आपको जानकारी देने वाले हैं।
सेल्फ पॉलिनेटेड=जब किसी पौधे में मेल और फीमेल इस पौधे में हूं और इस तकनीक को सेल्फ पॉलिनेटेड कहते हैं
यदि किसी पौधे की एक फ्लोर में मेल और इस पौधे के दूसरे फूल में फीमेल पार्ट हो मोनोईसियस कहते हैं
क्रॉस पॉलिनेटेड =जब किसी पौधे मैं मेल पार्ट होता है या फीमेल पार्ट होता है और दूसरे पौधे में क्या फीमेल पार्ट होता है या मेल पार्ट होता है तो इसे कहते हैं क्रॉस पॉलिनेटेड।
यानी आप किसी माध्यम से या तो कीट के द्वारा यह पानी के द्वारा और यह हवा के द्वारा संकरण होगा।
होमोजेनियस =इसका मतलब है सामान विशेषता यानी जब आप एक जैसे tt आपके सामने होती हैं और उनकी विशेषता एक ही होती है तो इसको कहते हैं होमोजेनियस।
हेटेरोजेनियस जब विशेषता अलग-अलग होती है यानी Tt तो इसे कहते हैं हेटेरोजेनियस
आप कुछ और और कुछ भी मेथड होती हैजिनके बारे में मैं आपको एक दो लाइन में सरल भाषा में समझादेता हूं।
Mass selection metod-
इसमें आप सबसे पहले अपने मनपसंद की क्रॉप को चुनते हैं यानी इसमें आप क्रॉस और सेल्फ दोनों क्रॉप को चुन सकते हैं आप आपको देखना है कि कौन सी क्रॉप लेनी है आपको अगर हाई यील्ड वाली क्रॉप को लेना है तो उन्हें उन्हीं को पसंद करोगी जिनकी यील्ड हाई है। चलिए मैं आपको समझता हूं 1,2,34,5,6 इसमें 1,3,4,6 ये यील्ड ज्यादा देते हैं तो आप इनको चुनोगे और इनका क्रॉस और इनका आपस में क्रॉस कर कराओगी।।
पेडिग्री तकनीक =
इसे वंशागत तकनीक भी कहते हैं मान लीजिए किसी के बाल बुरे हैं और एक के बाल काले हैं एक लड़का है और एक लड़की है दोनों की आपस में शादी कर दी आप उनके बच्चे में एक बच्चे के बाल काले हैं दूसरे बच्चे गए बाल बुरे हैं तो यानी दोनों के gene 🧬 लड़कों में आ गई यानी वंशागत चली हुई है ऐसे ही हम पौधे में भी करते हैं हम जब पौधे के जीन का क्रॉस करते हैं तो उनके वह जिन आए कहां से की का ओरिजिन क्या है इन सब के बारे में रिकॉर्ड बनता है जिसे कहते हैं वंशागत मेथड।
Pureline selction=
यह तकनीक हमेशा सेल्फ पोलिनेटेड क्रॉप में होती है और जिनमें एक जैसे जीन हो। जिम एक जैसे जीव होते हैं उनको होमोजेनियस कहते हैं। उनका आपस में क्रॉस करते हैं और हमें पूरे pure linen seed मिलता है।
Bulk merhod
यह एक ऐसी तकनीक होती है जहां हम ऑलमोस्ट सिलेक्शन रोक देते हैं जहां f1 या f5,f6 तक सिलेक्शन रोक देतेहैं इसके बारे में 1908 में nisson ehle ने बताया था। जब भी हमको दो वैरायटी का संकरण करके एक नई वैरायटी बनाई जाती है फिर उसके बाद हम उनका संकरण रूप देते हैंf1 मैं हम कोई संकरण नहीं करते सबका जीनोटाइप से होता है सब हेटेरोजेनियस होते हैं। बल्क मेथड में F1, f2 ,f3 ,f4, f5 कोई सिलेक्शन नहीं होता यह नेचुरल संकरण कर सकते हैं। F6 से हम यील्ड के लिए संकरण करते हैं सिलेक्शन करते हैं अब हम देखेंगे कि यील्ड किसकी ज्यादा आ रही है फिर उसके बाद f10 में हम एक बार दूसरी वैरायटी के साथ देखते हैं कि किसकी यील्ड ज्यादा आ रही हैऔर यही होता है bulk method
Single seed descert –
देखिए बल्कि bulk method मैं बहुत ज्यादा सीड लेनी पड़ते हैं लेकिन जैसे आपने दो क्रॉप की संकरण कराया और जो हमें सेट मिलते हैं उनमें हम उन सीटों को देखते हैं जो हाइब्रिड वाले होते हैं उनमें एक दो को चुन लिया जाता है उसी को कहा जाता है सिंगल सीड डेस्सर्ट कहां जाता है
और क्या आएगा इसमें एक चीज आपको याद रखनी है जब हम मेल पार्ट की पॉलिन को फीमेल पार्ट stima के इस्तेमाल में डालते हैं तो उसे वक्त कई लोग मुझसे कहते हैं कि किस मेल पार्ट कहना है किसी फीमेल पार्ट कहना है जिस प्लांट के आपको ज्यादा विशेषताएं चाहिए आमतौर पर उसे फीमेल प्लांट कहते हैं।
Autogamy=
इसका मतलब है जब मेल और फीमेल पार्ट के बीच में पॉलिनेशन हो रहा हो
Geionogamy-
जब एक plant में दो डिफरेंट यानी मेल पार्ट ऊपर है फीमेल पार्ट का फ्लावर नीचे है उनके बीच में संकरण हो रहा हो तो उसे कहते हैं Geionogamy कहां जाता है
Xenogamy=
जब किसी एक पौधे में मेल पार्ट और दूसरे पौधे में फीमेल पार्ट हो और पोलिनेशन हो रहा हो तो उसे कहते हैं xenogamy।
निष्कर्ष
उम्मीद करते हमारे द्वारा बताइए जानकारी आपको समझ में आ गई होगी कि कोई सवाल तो कमेंट करके जल्दी ईमेल करें