• September 13, 2025 6:56 am

    होमी जहांगीर भाभा कौन थे और साल 1966 में क्या हुआ था |

    होमी जहांगीर भाभा कौन थे और साल 1966 में क्या हुआ थाहोमी जहांगीर भाभा कौन थे और साल 1966 में क्या हुआ था

    भारत एक ऐसा देश जो अपनी संस्कृति अपनी परंपरा पूरे विश्व में जाना जाता है जिसकी संस्कृति अनमोल है आज पूरा विश्व भारत की संस्कृति को अपना रहा है भारत जो विश्व का सातवां बड़ा देश क्षेत्रफल की दृष्टि से है वही जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है जहां जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार विश्व का पहला नंबर पर आने वाला जनसंख्या की दृष्टि से देश भारत है।


    भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्र 329 मिलियन हेक्टेयर है यह विश्व का दो प्रतिशत हिस्सा है जहां विश्व के बड़े-बड़े संस्थान आज भारत में बड़े-बड़े संस्थान उपस्थित है भारत कृषि अनुसंधान नई दिल्ली रिजर्व बैंक आफ इंडिया जैसे कई संस्थान भारत में ही है भारत में इसरो की शुरुआत 1969 इसी में हो गई थी और इस लोगों ने कई कार्य किया अंतरिक्ष क्षेत्र में।


    आज हम बात करेंगे भारत में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण कब किया और कौन पहले अध्यक्ष थे। इन सभी विषयों के ऊपर आपको आज इस आर्टिकल में जानकारी दी जाएगी।

    भारत आजाद कब हुआ

    15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ और भारत में पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बनी लेकिन 1950 में भारत में पहली बार चुनाव हुए । भारत आजाद होने के बाद 1965 की बात है कि जब ऑल इंडिया रेडियो पर होमी जहांगीर भाभा ने अपना एक इंटरव्यू दिया और उसमें कहा कि यदि मुझे छूट मिले तो मैं 18 महीने में भारत के लिए एटम बम बना दूंगा।


    इस इंटरव्यू के 3 महीने के बाद यानी 24 जनवरी 1966 के दिन एक एयर इंडिया का विमान जो की 707 मुंबई से लंदन के लिए उड़ा जिसमें यह भी विद्यमान थे लेकिन यह पहुंच नहीं सका यह क्रश हो गया अल्फास माउंटबेटन रेंज में योर क्रश हुआ था और भारत की न्यूक्लियर के जनक डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा का निधन हो गयाऔर इस विवान में 117 यात्री विद्यमान थे
    इन्होंने जर्मनी में कॉस्मिक किरणों का अध्ययन किया था

    1933 में इन्हें डॉक्टरेट की उपाधि मिली और इन्होंने अपना रिसर्च पेपर ऑब्जर्वेशन कॉस्मिक रेडिएशन पर किया।
    1934 में इस शोध पत्र के लिए उन्हें पुरस्कार भी दिया गया

    1939 में जब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था उसे वक्त डॉ होमी जहांगीर भाभा इंडिया आए थे छुट्टियां बिताने के लिए।
    इसके बाद यह बेंगलुरु के इंडियन साइंस इंस्टीट्यूट कार्य करने के लिए जुड़ गए 1940 में रीडर के पद पर नियुक्त किया गया और उन्होंने अपने रिसर्च पर कार्य किया और कॉस्मिक किरण पर अध्ययन किया और उसके लिए अपने लिए एक अलग विभाग की स्थापना करी।
    अपनी रिसर्च के दोनों इन्हें बहुत सारी प्रतिष्ठा मिली 1941 में रॉयल समिति सदस्य चुने गए. 1944 में इन्हें प्रोफेसर की नियुक्ति दे दी गई मात्रा 31 साल की उम्र में।
    कई विषयों पर इतनी अच्छी जानकारी थी इन्हें नृत्य संगीत, चित्रकला में बहुत रुचि थी और उनकी अच्छी पकड़ भी थी।
    साल 1944 में टाटा ट्रस्ट से एक संस्थान बनाने का आग्रह किया भारतीय परमाणु संस्थान टाटा रिसर्च इंस्टीट्यूट का फंडामेंटल रिसर्च की शुरुआत करी।

    • निष्कर्ष
      उम्मीद करते हमारे द्वारा बताई की जानकारी आपको समझ में आ गई होगी यदि कोई सवाल कमेंट करके बताएं अधिक जानकारीके ईमेल करें

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Translate »