राजीव दीक्षित एक ऐसे व्यक्ति का नाम है जो हमेशा राष्ट्र धर्म को सबसे ऊपर रखता था राजीव दीक्षित उस व्यक्ति का नाम है जिसने आयुर्वेद को विश्व में एक अलग पहचान दिलाई। राजीव दीक्षित वह व्यक्ति है जिन्होंने भारत का नाम आयुर्वेद में आगे किया राजीव दीक्षित जिनका जन्म 30 November 1967 को हुआ था आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि राजीव दीक्षित कौन थे राजीव दीक्षित वह व्यक्ति थे जिन्होंने विदेशी कंपनियां का घोटाले को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। यदि राजीव दीक्षित के बारे में आपको अधिक जानकारी चाहिए तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
राजीव दीक्षित कौन थे
राजीव दीक्षित जी ने बीटेक इलाहाबाद से किया और m.tech इन्होंने आईआईटी कानपुर से किया उसके बाद इन्होंने रिसर्च भी कई किये। राजीव दिक्षित आयुर्वेद और योग के अच्छे जाता थी और भारत में बनने वाले वस्तुओं को हमेशा खरीदने की बात करते थे वह हमेशा कहते थे कि बाहरी वस्तुओं का विरोध करो।
राजीव दीक्षित जी का मानना था कि भारत में मौजूद शिक्षा प्रणाली खराब होते जा रही है यह शिक्षा प्रणाली मेकोले किस समय की है और भारत की शिक्षा पद्धति को खराब करने का काम किया जा रहा है गुरुकुलों को नष्ट किया जा रहा है ।
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साल 1991 में मनमोहन सरकार के द्वारा जो काम किए गए और भारी कंपनियों को भारत में आने की परमिशन दी गई यह उसका भी विरोध किया
1984 मैं भोपाल में गैस के कारण कई लोग की मृत्यु हो गई और इसमें राजीव दीक्षित जी ने इसे अमेरिका की एक अमेरिका की सोची समझी चाल बताई थी ।
राजीव दीक्षित हमेशा स्वदेशी की बात करते थे यह जहां भी जाते थे वहां यह हमेशा स्वदेशी की बात करते थे और यह बताते थे कि कौन सी कंपनी स्वदेशी है और कौन सी कंपनी विदेश की है।
राजीव दीक्षित जी की हत्या कैसे हुई
साल 2009 में राजीव दीक्षित की मुलाकात होती है रामदेव जी से यह दोनों आपस में एक मंच से अपनी बातों को प्रकट किया करते थे बाबा रामदेव योग का प्रचार करते थे और राजीव दिक्षित आयुर्वेद का प्रचार करते थे और रामदेव जी को स्वदेशी के बारे में राजीव दीक्षित के द्वारा ही पता चला बाद में इन दोनों में मतभेद हो गया था और कहा ऐसा भी जाता है कि रामदेव ने उनकी हत्या कराई थी।
रामदेव और राजीव दीक्षित जी ने भारत स्वाभिमान आंदोलन शुरू किया था और भारत को स्वदेशी बनाने के लिए इन्होंने कार्य किए का ऐसा भी चाहता है कि रामदेव राजीव दीक्षित की लोकप्रियता से करते थे और कहां जाता है की 30 नवंबर 2010 को राजीव दीक्षित की हत्या कर दी गई हम आपको पहले ही बता दे कि राजीव दीक्षित जी की हत्या के बारे में कहीं कोई रिपोर्ट में नहीं लिखा गया है कहीं किसी किताब में नहीं लिखा गया है यह लोगों के द्वारा जो मत है वह हम आपको बता रहे हैं
26 नवंबर को राजीव दीक्षित छत्तीसगढ़ के दौर में थे और उन्होंने कई जगह आयुर्वेद का प्रचार करने का सोचा था 30 तारीख को राजीव दीक्षित जी की हालत खराब हो जाती है वहां में दुर्ग जाने के वक्त उनकी हालत बहुत खराब हो जाती है उन्हें भिलाई की एक सरकारी अस्पताल मैं भर्ती कर दिया जाता है वहां उनकी हालत खराब होने के कारण उन्हें BSR अस्पताल में भर्ती कर दिया जाता है जहां उनका निधन हो गया।
और राजीव दीक्षित जी के निधन के बाद उनका पोस्टमार्टम नहीं हुआ । साल 2017 में बाबा रामदेव से जुड़ी एक किताब गारमेंट टू टायकून मार्केट में आती है। और इस किताब को छपवाने को रोकने के लिए रामदेव हाईकोर्ट भी जाते हैं और उन्होंने कहा कि मेरी छवि को खराब करने का काम किया जा रहा है और दिल्ली हाई कोर्ट इस किताब को मार्केट खाने से रोक देती है
निष्कर्ष
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