भारत जो 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ जिसका संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू कर दिया गया लेकिन भारत को आजाद करने के लिए कई लोगों ने अपना जीवन इस देश के लिए बलिदान कर दिया महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह , अभिनव भारत का गठन करने वाले वीर सावरकर जैसे कई महापुरुष इस देश को विकसित करने के लिए इस देश के विकास के लिए इस देश को आजाद करने के लिए अपने प्राणों की चिंता ना करते हुए इस देश के लिए बलिदान हुए।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!लेकिन आज मैं आपको एक विषय के ऊपर जानकारी देने वाला हूं नाम है पैसों में महात्मा गांधी की फोटो क्यों है आखिर भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1935 में हो गई और जो आज हम नोटों में तस्वीर देखते हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा की पैसों में महात्मा गांधी की फोटो आखिर क्यों लगाई गई क्या कारण था महात्मा गांधी की फोटो लगाने का नोटों में।
तो आपको मैं इसके बारे में संपूर्ण जानकारी दूंगा कि भारत में कब-कब नोट बदले गए और महात्मा गांधी की फोटो कब से लगना शुरू किया गया इसके बारे में यदि आपके संपूर्ण जानकारी चाहिए तो नीचे दिए गए आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें संपूर्ण जानकारी आपको इसलिए हमारी इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े और अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें
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आजादी के वक्त भारत के नोट
15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया लेकिन तब भी उसे समय तक भारतीय नोटों पर किंग जॉर्ज की तस्वीर लगी हुई आ रही थी भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कुछ सालों तक इन नोटों को बनाना जारी रखा।
साल 1949 में भारत सरकार ने ₹1 के नोट में एक नया डिजाइन जारी किया इस डिजाइन में किंग जॉर्ज की तस्वीर को अशोक स्तंभ से बदल दिया गया समय भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट में बताया गया कि स्वतंत्र भारत के प्रतीक को चुना जाना था शुरुआत में यह महसूस किया गया किकिंग चार्ज के चित्र को महात्मा गांधी के चित्र से बदल दिया जाए और जब इस पर चर्चा की जाने लगी तो अंतिम चर्चा में सारनाथ के अशोक स्तंभ में सभी की सहमति बनी.
उसके बाद 1950 भारत गणराज्य से पहले के समय 2,5,10 और ₹100 के नोटों में परम सदा बाघ हिरण जैसे पशु ऑन की तस्वीर कितनी लग गई 1970 में कृषि प्रयासों को दर्शाते हुए और खेती करते हुए तस्वीर छपने लग गई। उसके बाद 1980 के दशक में वैज्ञानिकों और तकनीक को प्रकृति और भारतीय कला की रूपों के प्रति पर जोर दिया जाने लगा आर्यभट्ट उपग्रह 2 के नोटों पर छपने लग गया 5 के नोटों में कृषि मशीन छापने लग गई और 20 के नोट पर कोणार्क चक्र बीच अपने लगी।
महात्मा गांधी पहली बार भारतीय नोटों पर कब दिखाई दिए
पहली बार महात्मा गांधी 1969 में इंडियन करेंसी पर दिखाई दिए इसे उनकी सभी जयंती के उपलक्ष में जारी किया गया इस नोट पर आरबीआई गवर्नर LK झांक के हस्ताक्षर थे जिसमें गांधी जी सेवाग्राम आश्रम की पृष्ठभूमि में दिखाई दिया था बाद में अक्टूबर 1987 में महात्मा गांधी जी की तस्वीर ₹500 के नोट में भी दिखाई दिए।
गांधी की फोटो जो हमें नोटों में दिखाई देती है यह 1946 में खींची गई थी जब महात्मा गांधी ब्रिटिश राजनीतिक लॉर्ड फेडरिक विलियम
के साथ खड़े थे और इस फोटो को इसलिए चुना गया क्योंकि महात्मा गांधी की मुस्कुराती हुई फोटो सबसे उपयुक्त लगी नोटों को डिजाइन करने की जिम्मेदारी आर्मी के मुद्रा प्रबंधन विभाग की होती है इसे केंद्रीय बैंक और केंद्र सरकार से डिजाइन के लिए मंजूरी लेनी होती है आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 25 के अनुसार बैंक के नोटों का डिजाइन रूप और सामग्री ऐसी होनी चाहिए जिसे केंद्रीय बोर्ड की ओर से की गई सिफारिश पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार इसे हरी झंडी दे सकती है
महात्मा गांधी की तस्वीर नोटों पर हमेशा के लिए लागू कब की गई
1990 में क्या माना गया कि मानव चेहरे की तुलना में निर्जीव वस्तुओं का चित्र बनाना आसान होता है और कोई भी बड़ी आसानी से नोटों को फर्जी बन सकता है और मानव चेहरे को नोटों में रखा जाए तो वह बनाना थोड़ा मुश्किल होता है साल 1986 में आरबीआई ने अशोक स्तंभ बैंक नोट को बदलने के लिए एक नई महात्मा गांधी की सीरीज लॉन्च करी और इस फोटो में बहुत ही सुरक्षा और गुप्त छवि भी रखी गई थी फिर साल 2016 में महात्मा गांधी की एक नई और सीरीज नोट मार्केट में आते हैं इसमें महात्मा गांधी के चित्र पहले वाला था लेकिन नोटों के पीछे स्वच्छ भारत अभियान का logo भी जोड़ा गया था.
निष्कर्ष
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