वक्फ बोर्ड के बारे में संविधान क्या कहता है |(What does the Constitution say about Waqf Board)

आज के वक्त में सोशल मीडिया से आपको देश-विदेश में क्या चल रहा है। और आजकल सोशल मीडिया में वक्फ बोर्ड के बारे में बहुत चर्चा चल रही है हर कोई इस विषय के ऊपर जानकारी प्राप्त करना चाहता है। आखिर यह वक्फ बोर्ड कब बना इसके बारे में आज हम आपको पूरी जानकारी देंगे आपको हम सरल भाषा में वक्फ बोर्ड के बारे में थोड़ा बहुत जानकारी आपको देते हैं 

वक्फ बोर्ड के बारे में संविधान क्या कहता है

वक्फ बोर्ड वक्फ बोर्ड एक वह संस्था है जो अल्लाह के नाम पर दान दी गई संपत्ति का रखरखाव पता है वक्फ बोर्ड। जैसी इस्लाम धर्म मानने वाले जब अपनी किसी चल या अचल संपत्ति को जकात ( इस्लाम धर्म का एक दान है जिसे मुसलमान अपनी संपत्ति का 2.5 गरीबों और मजदूरों को देते हैं) यह संपत्ति तब से वक्फ बोर्ड संपत्ति कहलाती है और इस्लाम के द्वारा दिए गए दान को जकात कहते हैं और जो संपत्ति दी जाती है उसे पर किसी का मालिक आना हक नहीं होता है और इस संपत्ति से जुड़े सभी वक्फ बोर्ड करता है आज हम इस विषय के ऊपर आपके संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं इसलिए हमारी आर्टिकल पूरा जरूर पड़े अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें

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वक्फ बोर्ड क्या होता है

वक्फ बोर्ड एक वह संस्था है जो अल्लाह के नाम पर दान दी गई संपत्ति का रखरखाव पता है वक्फ बोर्ड। जैसी इस्लाम धर्म मानने वाले जब अपनी किसी चल या अचल संपत्ति को जकात ( इस्लाम धर्म का एक दान है जिसे मुसलमान अपनी संपत्ति का 2.5 गरीबों और मजदूरों को देते हैं) यह संपत्ति तब से वक्फ बोर्ड संपत्ति कहलाती है और इस्लाम के द्वारा दिए गए दान को जकात कहते हैं और जो संपत्ति दी जाती है उसे पर किसी का मालिक आना हक नहीं होता है । और यदि क्या संपत्ति एक बार दे दी गई तो उसके बाद आप यह संपत्ति कभी भी नहीं ले सकते हैं

वक्फ बोर्ड की शुरुआत कब से हुई भारत में

साल 1954 में नेहरू सरकार लेकर आई थी वक्फ बोर्ड को। उसके बाद साल 1995 में इसमें कुछ संशोधन किए गए इन संशोधन के बाद प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में  वक्फ बोर्ड गठन करने की अनुमति दे दी गई। जो संशोधन किया गया उन पर अक्षर विवाद चलता रहता है

देश भर में वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है

सेंट्रल वक्फ कौशिक ऑफ़ इंडिया की स्थापना 1964 में भारत सरकार द्वारा 1954 के इस वक्फ  अधिनियम के तहत की गई है केंद्रीय निकाय अधिनियम 1954 की धारा 9(1) के नियमों के तहत स्थापित विभिन्न राज्य वक्फ बोर्ड तहत काम की देखरेख करता है

देश में एक सेंट्रल वक्फ  काउंसलिंग और 32 स्टेट बोर्ड है हर राज्य में अलग-अलग वक्फ बोर्ड होते हैं जो उस राज्य के वक्फ बोर्ड संपत्ति का देखभाल करते हैं

वक्फ बोर्ड मैं कौन-कौन होता है शामिल ?

अगर बात करें वक्फ बोर्ड कौन-कौन शामिल होता है तो सबसे उच्च पद पर मुस्लिम अधिकारी होता है मुस्लिम विधायक होता है ,मुस्लिम वकील होता है और राज्य सरकार की ओर से एक या दो नामित इसके सदस्य होते हैं।

वक्फ बोर्ड अभी कितनी संपत्ति है

भारत में सबसे ज्यादा संपत्ति सेवा के पास और दूसरे नंबर पर रेलवे के पास है वहीं तीसरे नंबर पर वक्फ बोर्ड आता है जिसके पास देश भर में 8,65,646 इसके नाम पर पंजीकृत है। ज्यादा संपत्ति बंगाल में है इसके बाद पंजाब में सबसे ज्यादा संपत्ति है उसके बाद तमिलनाडु में और उसके बाद कर्नाटक में सबसे ज्यादा संपत्तिवक्फ बोर्ड की है

कानूनी वैधता पर सवाल याचिका खारिज

वक्फ बोर्ड के नाम पर जोड़ी जाने वाली बहुत सारी संपत्तियां जिन पर लगातार सवाल पूछे जाते हैं अप जैसे राज्यों में वक्फ बोर्ड संपत्तियों की जांच के लिए राज्य सरकार ने आदेश जारी किए हैं इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल वक्फ बोर्ड संवैधानिक करार करने के लिए एक याचिका डाली गई थी हालांकि कोड ने इस याचिका को खारिज कर दिया है

वक्फ बोर्ड  आशिक डालने वाले  अश्वनी उपाध्याय ने इसकी संवैधानिक मान्यताओं पर सवाल खड़ा करते हुए कहते हैं उन्होंने कहा किस संविधान में कहीं भी वक्फ का जिक्र नहीं किया गया है सरकार ने 1995 में यह कानून बनाया। जो की मात्रा मुसलमानों के लिए था उन्होंने पूछा कि जब संविधान में इस शब्द का जिक्र नहीं किया गया है तो यह कानून कैसे बना दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि 1995 के जरिए वक्फ बोर्ड असीमित शक्तियां दे दी गई है और बाकी वक्फ बोर्ड किसी की संपत्ति पर दावा ठोक देता है तो उसे दर-दर भटकना पड़ता है। बाकी सभी धर्म के मामले सिविल कोर्ट में सुन लिए जाते हैं लेकिन वक्फ बोर्ड मामले नहीं सुने जाते है देश में  ट्रिब्यूनल कोर्ट मात्र 14 है अगर कोई वक्फ बोर्ड से जुड़ा हुआ मामला इन यहां किया जाता है तो बहुत समय लगता है और उसे व्यक्ति को जगह-जगह भटकना पड़ता 

निष्कर्ष 

उम्मीद करता है हमारे द्वारा बताई की जानकारी आपको समझ में आ गई होगी यदि आपके पास कोई सवाल है तो कमेंट करके पूछ सकते हैं अधिक जानकारी के लिए आप हमें ईमेल भी कर सकते हैं हमारी ईमेल पता नीचे दिया गया है

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