भारत को क्यों रखना पड़ा अपना सोना गिरवी |(Why did India have to mortgage its gold)

भारत जो किसी समय में सोने की चिड़िया नाम से विश्व में प्रसिद्ध था लेकिन कुछ वक्त पहले भारत का सोना इंग्लैंड में गिरवी रखा गया था और अब गुप्त तरीके से भारत में 102 टन सोना इंग्लैंड से वापस आ गया है लेकिन भारत में सोना गिरवी रखने की जरूरत क्या पड़ी ?

भारत का सोना गिरवी नहीं है और अब धीरे-धीरे भारत सरकार अपने सोने को इंग्लैंड से ला रही है पिछले दो सालों में भारत सरकार 200 टन सोना भारत में वापस ले आई है और भारत का अभी भी 300 टन सोना भारत से बाहर है और भारत सरकार लगातार धीरे-धीरे करके अपना सोना वापस ला रही है।। भारत सरकार के पास साढे आठ सौ टन सोना अभी उपलब्ध है लेकिन अब सोना गिरवी नहीं है लेकिन अभी भी हमने सोने को इंग्लैंड में हमारा सोना क्या कर रहा है इन सभी विषयों के ऊपर आपको आज की लेख में जानकारी देंगे .


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भारत को अपना सोना इंग्लैंड में गिरवी क्यों रखना पड़ा

जब भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ तो उस वक्त हम लोगों ने यह कहा था कि भारत में कोई बाहरी कंपनियां अपना कारोबार नहीं कर सकेंगी । और जो कंपनियां भारत में काम करेंगे वह भारत की ही कंपनियां होंगी जिससे बाहर कोई भी समान नहीं जा पा रहा था क्योंकि भारत में पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना अपना राज कर दिया था इसलिए यह करना पड़ा 

लेकिन जब भारत की आर्थिक स्थिति खराब होने लग गई तो आईएमएफ( इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड) ने कहा कि आप देश के आर्थिक स्थिति सही करने के लिए बाहरी कंपनियों को भारत में आने दे । उसके बाद जब साल 1991 में नरसिम्हा राव को जब प्रधानमंत्री चुना गया तो उन्होंने अपना वित्त मंत्री मनमोहन सिंह को बनाया और मनमोहन सिंह के द्वारा भारत की आर्थिक स्थिति को सही करने के लिए एक कदम उठाया गया

उन्होंने भारत में विदेश व्यापार उदारीकरण , वित्तीय उदारीकरण, कर सुधार और विदेशी निवेश के लिए रास्ते खोल और भारी कंपनियां भारत में अपना बिजनेस करने लगी और हमने अपना सोना इंग्लैंड में गिरवी रखा ताकि भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार आ सके और भारत की आर्थिक स्थिति लगातार सुधारने भी लग गई

बात करें साल 1950 की उस समय भारत में 3.5  प्रतिशत से विकास दर हासिल कर ली थी उसके बाद ब्रिटिश शासन के बाद विकास दर का तीन गुना हो जाने पर इसका जश्न मनाया गया उसके पास साल 1980 में भारत की विकास दर सबसे कम थी। उसके बाद जब वित्त मंत्री मनमोहन सिंह जी बने तो उन्होंने ऐसी ऐसी काम किया जिससे भारत के आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार आने लगा। 1950 से 1980 के 3 दशकों में भारत की जीएनपी की विकास का केवल 1.45% की थी । फिर 1990   भारत के विकास दर में लगातार परिवर्तन आने लग गया। और भारत की जीएनपी बढ़कर 4.19% हो गई उसके बाद 2001 की बात करें तो भारत की जीएनपी बढ़कर 6.9 %हो गई थी । साल 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक निकल गई है

विदेश में भारत का कुल कितना सोना रखा हुआ है

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार भारत में 854.73 टंकी सोने के भंडार का 60% हिस्सा भारत देश में है और अभी तक विदेश में कुल भारत का बकाया सोना 324.01 टन सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड और फ़ॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के पास सुरक्षित रखा हुआ है

निष्कर्ष

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