स्माइलिंग बुद्धा ऑपरेशन क्या था ||(What was Smiling Buddha Operation)

नमस्कार दोस्तों Best My Smart Tips Blog में आपका स्वागत है भारत आज हर क्षेत्र में लगातार तरक्की की ओर को बढ़ रहा है या टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत अपनी अहम भूमिका निभा रहा है भारत सैन्य क्षमता में भी लगातार तरक्की कर रहा है सैन्य क्षेत्र में नई-नई टेक्नोलॉजी लगता आ रही है आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं पोखरण के बारे में . साथियों आप जानकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि भारत का परमाणु परीक्षण 1998से पहले हो चुका था लेकिन इस परीक्षण को गुप्त तरीके से किया गया था इस परीक्षा का नाम था समिलीनिंग बुद्धा .आज हम आपको बताएंगे समिलीनिंग बुद्धा कि इस ऑपरेशन को कैसे शुरू किया गया यह ऑपरेशन सफल कब हुआ और इस ऑपरेशन से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको दी जाएगी इसलिए हमारी इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें 

स्माइलिंग बुद्धा ऑपरेशन क्या था

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स्माइलिंग बुद्धा ऑपरेशन क्या था 

राजस्थान के बारे में हर किसी ने सुना होगा भारत का एक क्षेत्र जो क्षेत्रफल की दृष्टि से पहले नंबर पर आता है उसका नाम है राजस्थान अगर हम जनसंख्या की दृष्टि सेसबसे बड़ा राज्यउत्तर प्रदेश है राजस्थान का एक क्षेत्र पोखरण है जहां यह ऑपरेशन चलाया गया साल 1998 के वक्त राजस्थान के पोखरण में भारत ने अपना परमाणु परीक्षण किया इस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी उसे समय केंद्र में बीजेपी की सरकार थी लेकिन आप आज चकित हो जाएंगे कि हम इससे पहले भी इंदिरा गांधी की सरकार में इस ऑपरेशन को शुरू कर दिए थे साल 18 में 1974 को इंदिरा गांधी ने इस ऑपरेशन को शुरू किया कि भारत परमाणु के क्षेत्र में अपनी एक अहम भूमिका निभा सके इसी को कहा गयास्माइलिंग बुद्धा ऑपरेशन .

जब भारत और पाकिस्तान दो अलग देश बन गए और पाकिस्तान तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था की ओर को चल रहा था और पाकिस्तान का परम मित्र अमेरिका था 1974 के वक्त जब भारत ने इस्माइल बुद्ध परमाणु परीक्षण शुरू किया तो उसके बाद पाकिस्तान सोचने लग गया कि यदि भारत यह काम कर सकता है तो हम क्यों नहीं कर सकते यही से शुरुआत हुई पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की '

पाकिस्तान एक ऐसी खोज रहा था जो उसके लिए परमाणु परीक्षण कर सके उसके लिए परमाणु के क्षेत्र में अपनी एक अहम भूमिका निभा सके पाकिस्तान को ऐसा व्यक्ति मिला भी इस व्यक्ति का नाम था अब्दुल कादिल खान शॉर्टकट में A.Q KHAN  जाता है यही वह व्यक्ति था जो पाकिस्तान का परमाणु का जनक है 

जब भारत को पता चला कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहा है कबुता नामक स्थान में तो इसकी सच्चाई का परीक्षण करने के लिए भारत ने कॉरपोरेशन चलाया क़ाबूता  .

अब्दुल कादिल खान की पढ़ाई कहां से हुई 

अद्भुत आदिल खान भारत का ही रहने वाला था साल 1936 में इसका जन्म भारत के एक राज्य भोपाल में हुआ 1952 में पाकिस्तान चला गया और 1961 में यह यूरोप चला गया वहां इसने मेटा  फिजिकल डायबिटिक रिसर्च लैब में मैं काम किया .नीदरलैंड की खुफिया एजेंसी को इस पर हक हुआ और इसके गिरफ्तारी करने ही वाला था लेकिन अमेरिका ने इसकी गिरफ्तारी को रोक दिया क्योंकि अमेरिका उसे वक्त पाकिस्तान का परम मित्र जो था 

1975 में पाकिस्तान जाता है उसे वक्त भारत में आपातकाल लगा हुआ होता है इंदिरा गांधी सरकार के द्वारा 

इंदिरा गांधी सरकार ने जब आपातकाल लगाया तो उसके बाद इंदिरा गांधी की सरकार गिर गई और दोबारा चुनाव होते हैं और बनती है मोरारजी देसाई की सरकार .

ऑपरेशन क़ाबूता क्या था 

जब भारत को पता चला कि पाकिस्तान ऐसे काम कर रहा है तो भारत ने एक ऑपरेशन चलाया और इस ऑपरेशन में स्थान दिया भारत का इसराइल ने .और भारत की खुफिया एजेंसी लगातार पाकिस्तान के ऊपर नजर रख रही थी 1976 में अब्दुल कादिल खान पाकिस्तान के परमाणु ऊर्जा आयोग में काम करने लग गया और पाकिस्तान को चीन ने वह दस्तावेज दिए जो 1966 में चीन ने परमाणु परीक्षण किए थे और चीन ने पाकिस्तान को यह बताया कि हमने कैसे परमाणु परीक्षण किया था और पाकिस्तान परमाणु परीक्षण करने में सफल हुआ

 लेकिन 1968 में अजीत डोभाल आईएएस बने और इन्होंने रॉ  में भी काम किया जब इंदिरा गांधी की सरकार गिर गई उसके बाद मुरारजी देसाई केंद्र में आए तो 1977 में मुरारजी देसाई को पाकिस्तान का सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया हमारे रॉ एजेंट ने पाकिस्तान के वैज्ञानिकों के बाल भारत भेजें और भारत के वैज्ञानिकों ने उन बालों की जांच करी और यह पता लगाया उपस्थित है तो भारत को यह पता चल गया कि पाकिस्तान ऐसे काम कर रहा है इसके बाद जब मोरारजी देसाई के समय जो रिपोर्ट उनके पास आई तो उन्होंने रॉ बजट का 40% काट दिया और यह मिशन यहीं पर रुक गया मोरारजी देसाई अमेरिका जिसे सुनकर आप आज चकित हो जाएंगे इन्होंने कहा गए और इन्होंने वहां वह बात कर दी इन्होंने कहा कि मैं अपना मूत्र पीता हूं पाकिस्तान के जनरल का इनको फोन आता है उन्होंने कहा क्या आप अपनी जो बात क्या वह सही थी तो इन्होंने जिस बात का जिक्र किया उससे हमारे कई रा एजेंट मारदिए गए इन्होंने पाकिस्तान के जनरल से कहा कि तुम जो हरकतें कर रहे हो तुम जो परमाणु परीक्षण कर रहे हो यह हमें पता है इसी के कारण हमारे कई राय एजेंट वहां मार दिए गए 

इस बात का आपको ध्यान रहे की 1974 में भारत ने जो परमाणु परीक्षण किया था उसे समय होमी  जहांगीर बाबा हमारे वैज्ञानिक रहे थे और अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में यानी 1998 के वक्त इस ऑपरेशन में हाथ दिया अब्दुल कलाम जिन्होंने इस मिशन को पूरा किया और बाद में यह भारत के राष्ट्रपति भी बने 

निष्कर्ष

उम्मीद करते हमारे द्वारा बताई गई जानकारी आपको समझ में आ गई होगी यदि आपके पास कोई सवाल है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं हमारा ईमेल आपको नीचे दिया गया है

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