कच्छ द्वीप विवाद क्या है ।(What is Kutch Island dispute)

नमस्कार दोस्तों ! Best My Smart Tips Blog में आपका स्वागत है क्या आपने कभी कच्छदीप का नाम सुना है अगर आपने इस कच्छदीप का नाम सुना है तो अच्छी बात है लेकिन  नहीं सुना है तो आज हम इसी विषय के ऊपर चर्चा करने वाले हैं आपने कई बार इस विषय के बारे में कई नेताओं के मुंह से सुना होगा ।कई बार इस विषय के ऊपर लोकसभा मैं कई बार चर्चा होती है कच्छ दीप को श्रीलंका को क्यों दे दिया गया। दरअसल भारत और श्रीलंका के बीच यह दीप स्थित है तमिलनाडु के रामेश्वर से 30 किलोमीटर दूर यह दीप है जो कि आप श्रीलंका का हिस्सा हो गया है यदि आपको इस विषय के ऊपर पूरी जानकारी चाहिए तो हमारी इस आर्टिकल को पूरा जरूर पड़े अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें ताकि हर किसी को इस विषय के ऊपर जानकारी पता चल सके कि आखिर किस कारण से कच्छ दीप को श्रीलंका को दे दिया गया कारण थे।  कि आज कच्छदीप हमारा हिस्सा नहीं है आज किस लेख में आपके संपूर्ण जानकारी दी जाएगी इसलिए हमारी इस लेख को पूरा जरूर पड़े और अधिक से अधिक लोगों को शेयर करें क्योंकि हम समय-समय पर जनता की आवाज उठाते रहते हैं और यह प्लेटफॉर्म आपका है आप हमसे किसी भी विषय के ऊपर अगर जानकारी प्राप्त करना करना चाहते हैं तो कमेंट करके बताएं हम पूरी कोशिश करेंगे उसे विषय के ऊपर जानकारी आपको देने की ।

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 कच्छ द्वीप की कहानी

 भारत और श्रीलंका के बीच स्थित है यह दीप ।जो की 285 एकड में बसा हुआ है तमिलनाडु के रामेश्वर से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यह 17 वी सदी में भारत के महाराजाओं के अधीन था बाद में इस स्थान पर अंग्रेजों ने राज किया इस दीप को पहले विवाद 1921 में हुआ उसके  बाद अंग्रेजों ने अपने सर्वे में इसे श्रीलंका का हिस्सा बताया । भारत की आजादी के बाद भी यह विवाद चलता रहा। आजादी से 1974 यह दीप भारत का हिस्सा रहा और यहां भारत के मछुआरे जाते थे और अपना रोजगार चलती थी लेकिन इसी साल 1974 श्रीलंका के साथ एक समझौता किया और इस समझौते के बाद इस दीप को श्रीलंका को दे दिया गया । तापसी तमिलनाडु के मछुआरे गुस्से में रहती हैं क्योंकि तमिलनाडु की कोई भी व्यक्ति उसे दीप में नहीं जा सकता है अगर कोई मछुआरा वहां जाता है तो उसे श्रीलंका प्रशासन पकड़ लेता है इस एक गलती के कारण आज श्रीलंका के पास हमारा वह दीप है जो कभी भारत का हिस्सा हुआ करता था ।

कच्छदीप श्रीलंका को देने से भारत को क्या नुकसान हुआ

1: तमिलनाडु का कोई भी मछुआरा मछलियां पकड़ते नहीं जाता है  और यदि कोई व्यक्ति यहां जाता है तो श्रीलंका प्रशासन उसे पड़कर बंद कर देता है अभी तक कई मछुआरी श्रीलंका  में बंद है।

इस आर्टिकल पर हमारी राय

आज किस आर्टिकल में हमने आपको कच्छ दीप के बारे में बताया जिसे इंदिरा गांधी सरकार ने श्रीलंका को सौंप दिया यदि आपको हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई तो कमेंट करके अवश्य बताएं अधिक जानकारी के लिए आप हमें ईमेल भी कर सकते हैं आज का आर्टिकल हमने छोटा ही लिखा था क्योंकि आपको बहुत ही सरल भाषा में इस विषय के ऊपर जानकारी देनी थी अब से हम आपको इतिहास के बारे में भी जानकारी देंगे यदि किसी प्रकार का सवाल है तो आप कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं या हमें ईमेल भी कर सकते हैं या हमें ईमेल भी कर सकते हैं हमारा ईमेल पता नीचे आपको दिया गया है

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