नमस्कार दोस्तों ! Best My Smart Tips Blog में आपका स्वागत है किसी देश को अगर विकास के मार्ग ले जाना है तो वहां के छात्रों को शिक्षित होना चाहिए शिक्षा नौकरी करने का एक माध्यम नहीं है बल्कि व्यक्ति के व्यवहार संस्कार के विषय में जानकारी देकर महान व्यक्ति बनाना होता है आज के वक्त में शिक्षा हर कोई प्राप्त नहीं कर पाता हैं क्योंकि भारत में शिक्षा को बिजनेस बना के रख दिया है मैं तो खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैं शिक्षा ग्रहण कर रहा हूं कुछ महीने पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की महंगाई दर पर अपनी रिपोर्ट जारी करी आपको इस विषय के ऊपर जानकारी होनी चाहिए कि भारतीय रिजर्व बैंक देश में चल रही महंगाई दर को नियंत्रित करने का काम भी करता है भारतीय रिजर्व बैंक ने इस रिपोर्ट में बताया कि पिछले 8 सालों में महंगाई की दर 2 से 6% के बीच में नहीं बल्कि इससे ज्यादा ही रही है जिससे खाद्य सामग्री महंगी हुई अब आप सोचिए कि एक गरीब व्यक्ति अपने बच्चों को कैसे पढ़ाएं वह विश्वविद्यालय की इतनी महंगी फीस कैसे दे कई छात्र पढ़ने में बहुत ही अच्छे होते है
लेकिन वह अपनी आगे की पढ़ाई सिर्फ विश्वविद्यालय किस चीज के कारण पूरी नहीं कर पाते हैं कई प्राइवेट विश्वविद्यालय ऐसे भी हैं कि अगर छात्र की कुछ परेशानियों के कारण वह विश्ववद्यालय शुल्क देने में असमर्थ हैं तो विश्वविद्यालय उनके ऊपर विलंब शुल्क लगा दे और छात्रों को किसी विषय के ऊपर सही जानकारी नहीं दी जाती है हर कोई छात्र पढ़ना तो चाहता है कुछ नया करना चाहता लेकिन विश्वविद्यालय की शुल्क के कारण वह कुछ नहीं कर पाता कई छात्र आत्महत्या जैसे काम भी कर देते हैं हम लोगों ने छात्रों के बारे में नहीं सोच रहे हैं बल्कि छात्रों से पैसे कैसे निकाले जाएं इसके बारे में सोच रहे हैं विश्वविद्यालय । आप एक बार सोच कर देखिए कि कोई किसान कड़ी धूप में मेहनत कर रहा है अपने बच्चों के लिए वह भी चाहता है कि उसके बच्चे पढ़ लिख कर एक बड़े आदमी बने और अगर उसके खेत में कुछ नहीं होता है तो उसकी समस्या ना मैं समझ सकता हूं ना कोई और समझ सकता है सिर्फ उसका परिवार समझ सकता हैं जब उसके खेत में कुछ नहीं हुआ है तो वह विश्वविद्यालय के शुल्क को कैसे दें और कैसे अपने बच्चों को पढ़ाई और कैसे एक बड़ा व्यक्ति बनाएं
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कुछ वक्त पहले उत्तर प्रदेश के क्लास 12 के छात्रों का परीक्षाफल में देख रहा था तो मैं आश्चर्यचकित रहा उस परीक्षाफल को देखकर क्योंकि कुछ परीक्षाफल में ज्यादातर छात्रों के हिंदी विषय में कम नंबर हिंदी हमारी मातृभाषा है और छात्रों को हिंदी के प्रति जागरूक करना हमारा प्रथम धर्म है क्योंकि हिंदी भाषा को मातृभाषा बनाने में कई महापुरुषों ने अपनी जान दी थी और आज के छात्र उस बात को समझ नहीं रहे हैं उत्तराखंड में कुछ महीने पहले पेपर लीक जैसे मामले आये थे और विधानसभा घोटाले भी हुए थे अब आप सोचिए की पेपर लीक जैसे मामले अगर उत्तराखंड राज्य किसी अन्य राज्य में आ रहे हैं तो वहां के छात्रों का भविष्य कैसा होगा कैसे वह राज्य विकसित होगा हर साल लाखों छात्र विश्वविद्यालय से पास होकर बेरोजगार अपने घर में बैठे रहते हैं उन्हें रोजगार कहीं नहीं मिलता है और अगर कहीं रोजगार मिलने की कोई मौका भी मिले तो जो कंपनी या जो संस्था उस व्यक्ति को रोजगार दे रही है वह बदले में उससे कुछ पैसे की मांग भी करती है अब आप क्यों सोचिए कि वह व्यक्ति बेरोजगार बैठा है वह पैसे कहां से लाए कई राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त छात्रों से खूब अच्छा वादा करती है लेकिन वादे पूरे होते हैं नहीं । और छात्रों को उनके इतिहास के बारे में नहीं पढ़ाया जाता हैं विश्वविद्यालय में । क्योंकि अगर आपको किसी छात्र को कोई बात समझा नहीं हो तो वह जल्दी अपने इतिहास कुछ समझता है और कुछ करने की प्रेरणा लेता है छात्रों को किताबी कीड़ा बनाकर रख दिया है जैसा किताब में लिखा है वैसा ही परीक्षा में आप लिखें और उसे समझे ना आजकल यही चल रहा है विश्वविद्यालयों में ।
किताबों से ज्यादा ज्ञान एक शिक्षक दे सकता है लेकिन कई ऐसे शिक्षक भी है मैं सभी शिक्षकों की बात नहीं कर रहा जो छात्रों को उचित ज्ञान नहीं देना चाहते हैं एक शिक्षक को उसी विषय के ऊपर जानकारी नहीं होती है बल्कि उसे जीवन के हर एक परीक्षा के बारे में जानकारी होती है देश की जनसंख्या ज्यादा है यह बात मैं मानता हूं लेकिन शिक्षा इतनी महंगी होना अच्छी बात नहीं है क्योंकि हर व्यक्ति का शिक्षित होना परम कर्तव्य है जब छात्र छोटा होता है तो उसके माता पिता उसके गुरु होते हैं और जब वह बड़ा हो जाता है तो शिक्षक उसका गुरु होता है कबीर दास जी ने एक बहुत ही अच्छा दोहा कह रखा है शायद आप मैं से कई लोगों को वह दोहा याद भी होगा
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
इस दोहे में संत कबीर दास जी कहते हैं कि मेरे सामने गुरु और भगवान दोनों खड़े हैं मैं पहले किसके पैर छूऊॅगा मैं पहले ग्रुप के पैर छूऊॅगा क्योंकि गुरु नहीं मुझे भगवान तक पहुंचने का रास्ता बताया है कितनी अच्छी बात कही है इस दोहे में संत कबीर दास जी ने किसी व्यक्ति को एक महान व्यक्ति बनाने में गुरु की अहम भूमिका होती है गुरु छात्र को मार्गदर्शन दिखाने का कार्य करता है और छात्र का भी परम कर्तव्य का है कि गुरु का सम्मान करें क्योंकि अगर जो छात्र गुरु का सम्मान नहीं कर सकता वह कुछ नहीं कर सकता हैं 5 सितंबर आप लोगों को याद तो होगा क्योंकि यह दिन शिक्षक दिवस के रूप में बनाया जाता है इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधा कृष्ण जी का जन्मदिन होता है कि वह एक शिक्षक भी रह चुके थे उनके व्यक्तित्व के बारे में हमें पढ़ना चाहिए और उनके जीवन के बातों को अपने जीवन में लागू करना चाहिए भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री और एक ग्यारह वीं राष्ट्रपति मौलाना अबुल कलाम आजाद जी छात्रों को शिक्षा के प्रति जागरूक रखने को कहते थे उनका मानना था कि व्यक्ति गरीब हो चाहे अमीर हो शिक्षा प्राप्त करना उसका कर्तव्य है तभी जाकर वह अपना और अपने परिवार का खानपान चला पाएगा हम लोगों ने शिक्षा को जाति के आधार पर देखना शुरू कर दिया है अगर कोई सरकारी नौकरी आती है तो उसमें आरक्षण कई छात्रों को दिया जाता है मैं आरक्षण को गलत नहीं मानता हूं लेकिन आरक्षण के कारण कई ऐसे छात्र उस पद पर बैठ जाते हैं जिस पद के वह हकदार नहीं होती है और जो हकदार होता है वह कुछ नहीं कर पाता हैं जिस कारण से छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाता है और छात्र आत्महत्या कर लेते हैं क्योंकि आरक्षण के बारे में मैं ज्यादा इसलिए नहीं बोल रहा हूं क्योंकि यह विषय बहुत ही गंभीर विषय है अगर इसके बारे में मेरे द्वारा कुछ गलती से कुछ ऐसे शब्द निकल जाए जो आपको अच्छी ना लगे तो वह बात सही नहीं है
हमारी राय इस आर्टिकल पर
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