CYBER security (साइबर सुरक्षा ) क्या होती हैं ?
यह इंटरनेट से जुड़े सिस्टम के लिए एक सुरक्षा होती है जो डिवाइस हार्डवेयर सॉफ्टवेयर और डाटा को साइबर अपराध से बचाने का काम करती है।आसान शब्द कहा जाए तो साइबर सुरक्षा सिस्टम हमारे डिवाइस से जुड़े नेटवर्क और प्रोग्राम को किसी भी हैकर या डिजिटल हमने से बचाने और डाटा को सुरक्षित रखने में का काम करती हैं
Cyber security कैसे काम करती हैं ?
इसके अंतर्गत एक Ethical hacker (नैतिक हैकर ) एक बड़ी टीम होती हैं। यह टीम आपके डाटा को चोरी होने से, डाटा को डिलीट से बचाती है .
साइबर सुरक्षा कितने प्रकार की होती हैं
साइबर सुरक्षा में मुख्य रूप से 6 प्रकार की होती हैं ।
1: application Security
2: network security
3: Information security ( सूचना सुरक्षा)
4: Email security
5:नेटवर्क एक्सेस कंट्रोल
6 :डाटा लाॅस प्रिर्वेंशन
Application Security क्या होती है।
आज लोग लाखों Application का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन एप्लीकेशन इस्तेमाल करने यूजर का डाटा एप्लीकेशन में स्टोर करके जाता है और एप्लीकेशन निर्माता कंपनी समय-समय पर application की security मजबूत करने के लिए एप्लीकेशन की सुरक्षा को अपडेट करते रहती हैं। ताकि यूजर का डाटा सुरक्षित रहे ।
Network security क्या होती है ?
Network security के द्वारा नेटवर्क के इनकमिंग और आउटगोइंग ट्राफिक को कंट्रोल किया जा सकता है नेटवर्क में आने वाले धमकी (threats) और आक्रमण (attacks) को रोका जाता है और इसमें firewall devices का इस्तेमाल किया जाता है
Information security (सूचना सुरक्षा) क्या होती हैं ?
इस साइबर सुरक्षा के प्रकार में डाटा को सुरक्षित रखना और उसे डिजिटल हमलों से बचाना इसका मुख्य उद्देश्य है । डाटा चाहे वह स्टोर हो या प्रवाहित दोनों को सुरक्षित रखा जाता है।
Email security क्या क्या होती है
ई-मेल को सुरक्षित रखने के लिए और ईमेल में होने वाले अटैक से बचने के लिए कई प्रकार के email security डिवाइस और सॉफ्टवेयर का use किया जाता है
नेटवर्क एक्सेस कंट्रोल किसे कहते है।
यह किसी भी डिवाइस को नेटवर्क से जोड़ने की काफी सुरक्षित प्रक्रिया है।
डाटा लाॅस प्रिर्वेंशन किसे कहते हैं
इस सुरक्षा से डाटा को सुरक्षित रखा जाता है और एनकोड किया जाता है कोई भी डाटा चोरी या लीक हो पाए।
साइबर अपराध के प्रकार
1: हैकिंग (hacking) = इस प्रकार के साइबर अपराध में कोई व्यक्ति (हैकर) प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसकर दूसरे व्यक्ति का पर्सनल डाटा और संवेदनशील जानकारी को एक्सेस करते हैं उस व्यक्ति से पूछे बिना ।जैसे = प्रतिबंधित क्षेत्र में उसका मोबाइल, फोन ,कंप्यूटर लैपटॉप नेट बैंकिंग हो सकता है
2: साइबर चोरी (cyber theft) = इस प्रकार के साइबर अपराध में कोई व्यक्ति (हैकर) किसी कॉपीराइट के नियमों का पालन नहीं करता हैं।
3:साइबर स्टाकिंग= यह साइबर अपराध सोशल मीडिया में अधिक देखने को मिलता है इसमें स्टाॅकर किसी व्यक्ति को गंदे मैसेज भेज कर या गंदे इमेल भेज कर उन्हें परेशान और उत्पीड़ित करते हैं।
इस प्रकार के साइबर अपराध में स्टाॅकर जाकर अपना शिकार छोटे बच्चों को या ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाते हैं जिनको इंटरनेट के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। स्टाॅकर उन व्यक्तियों को blackmail करना शुरू कर देते हैं और व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पडता हैं।
4:पहचान की चोरी (identity theft ) = यह साइबर अपराध आजकल बहुत ज्यादा हो रहा है इसमें हैकर अपना लक्ष्य उन लोगों को बनाते हैं जो नेट नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं । हैकर किसी व्यक्ति का पर्सनल डाटा जैसे अकाउंट नंबर , क्रेडिट कार्ड की जानकारी, नेट बैंकिंग की डिटेल्स शादी आदि डिटेल हासिल करके इस व्यक्ति का सारा पैसा निकाल लेते हैं जिसके कारण व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है
याद रहे = कभी भी किसी को अपने एटीएम कार्ड cvv कोड नहीं बताना चाहिए और अपनी बैंक की डिटेल्स किसी के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए बैंक आपसे कभी भी फोन करके आपके बैंक की डिटेल नहीं पूछता है अगर आपके पास ऐसा फोन आता है तो आप उसको अपनी बैंक डिटेल्स ना बताएं।
5:मलेशियस सॉफ्टवेयर = ऐसे बहुत से सॉफ्टवेयर हैकर द्वारा बनाए जाते हैं जिसकी मदद से सिर्फ आपका डाटा चोरी ही नहीं बल्कि उसे डिलीट भी कर सकते हैं और आपके पूरे सिस्टम को क्रैश कर सकते हैं
ये सॉफ्टवेयर कई प्रकार के होते हैं जैसे= मिल्लार्ड (mallard software), Spyware, virus , ransomware , worms इन सॉफ्टवेयर को दूसरे व्यक्ति के डिवाइस में लिंक द्वारा भेजा जाता है और उससे कहा जाता है कि इस लिंक पर क्लिक करो और वह व्यक्ति जब लिंक में क्लिक करता है तो डिवाइस पर उसका कंट्रोल नहीं रहता है बल्कि हैकर के हाथ में आ जाता है ।
6:फिशिंग (phishing) = किस प्रकार के साइबर अपराध में हैकर के द्वारा किसी विश्वसनीय संस्था किसी व्यक्ति को ईमेल या मैसेज भेजा जाता है जो ई-मेल या संदेश देखने में बिल्कुल मान्य लगता है और इसके पीछे हैकर का लक्ष्य उस व्यक्ति की संवेदनशील जानकारियों को हासिल करना होता हैं। जैसे = बैंक अकाउंट की, डिटेल क्रेडिट कार्ड की डिटेल , और आधार कार्ड आदि की जानकारी पाकर व्यक्ति को आर्थिक नुकसान पहुंचाना होता है
7:बाल अक्ष्लीलता और दुर्व्यवहार
इस प्रकार के साइबर अपराध में हैकर ज्यादातर चैट रूम का इस्तेमाल करते हैं यह लोग अपनी खुद की पहचान को छुपाकर शिष्टाचार के साथ बात करते हैं । बहुत छोटे बच्चों और अवयस्क व्यक्तियों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है यह लोग धीरे-धीरे बच्चों को बाल अक्ष्लीलता के लिए बाधित करते हैं बच्चे अपने डर के कारण अपने माता-पिता को पूरी बात नहीं बता पाते
हैं।
8:man in the middle attack ( MITM attack) = इस प्रकार के साइबर अपराध में हैकर दो लोगों संचार जासूसी करता है इन दोनों में से एक बन कर हैकर दूसरे वाले को कॉल करता है और उससे बैंक संबंधित सारी जानकारी निकलवा देता है और उस व्यक्ति को पता भी नहीं चलता हैं
9:स्पूपिग अटैक (spoofing attack) = इस साइबर अटैक में हैकर किसी अन्य व्यक्ति की पहचान बना कर किसी बड़ी कंपनी या संस्था में सिस्टम पर अटैक कर सकता है इस अटैक का सहारा लेकर कोई हैकर किसी व्यक्ति की जिंदगी बर्बाद कर सकता है
10:सलामी स्लाईसिंग अटैक ( salami Slicing attack) = इस साइबर अटैक को सलामी धोखाधड़ी अटैक भी कहते हैं इस साइबर अटैक में साइबर अपराधी एक समय में थोड़ा पैसे या थोड़े संसाधन चुरा लेता है जिससे किसी को शक न हो।
11:Denial of service attack (DOS) = इस अटैक का मुख्य काम किसी वेबसाइट या नेटवर्क का ट्राफिक कम करना होता है इस साइबर अटैक में हैकर अचानक ट्रैफिक लाकर उस नेटवर्क सिस्टम को कमजोर कर देता है ।
साइबर सुरक्षा के फायदे क्या है
1: साइबर सुरक्षा की सहायता से हम आनाधिकृत उपयोग से सुरक्षित रह सकते हैं और हमारा डाटा भी लोस होने का खतरा भी नहीं होगा
2: साइबर सुरक्षा की सहायता से आप अपने नेटवर्क को सुरक्षित कर सकते हैं और निश्चिंत होकर अपने इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं
3: साइबर सुरक्षा की सहायता से आप अपने पर्सनल जानकारी को हैकर के हाथ लगने से बचा सकते हैं
साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट कैसे बने ?
जब से टेक्नोलॉजी और इंटरनेट का विकास हो रहा है सबसे साइबर अपराध भी बढ़ गया है साइबर अपराध को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में लगातार वृद्धि हो रही है और आज की युवा पीढ़ी अपना कैरियर साइबर सुरक्षा क्षेत्र में देख रही है अगर आप भी अपना करियर साइबर सुरक्षा में बनाना चाहते हैं। आपको 12वीं पास करके आपको सिक्योरिटी डिप्लोमा कर सकते हैं साइबर सुरक्षा के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप B.tech इन इंफॉर्मेशन, कंप्यूटर साइंस और साइबरसिक्योरिटी एंड फाॅरेसिक भी कर सकते हैं
साइबर सिक्योरिटी बनने के लिए आपको पढ़ाई के साथ-साथ अपनी इस स्किल को भी अच्छा करना होगा।
साइबर अपराध से कैसे बचें
अगर आप साइबर अपराध से बचना चाहते हैं तो आपको इन बिंदुओं पर ध्यान देना होगा और इन्हें अपनाना होगा ।
1:साइबर अपराध से बचने के लिए आपको अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट समय-समय पर करते रहना होगा ताकि पुराने सॉफ्टवेयर वर्जन में जो कमियां थी उन्हें दूर कर पाए।
2:कंप्यूटरों में एंटीवायरस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का एक प्रोग्राम होता है जो आपके डिवाइस को सभी प्रकार के मैलेवेयर अटैक से बचाता है
3:इंटरनेट का इस्तेमाल करते वक्त किसी भी गलत साइड से कोई फाइल या कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे कंप्यूटर प्रोग्राम में अनचाहे प्रोग्राम आ जाते है ।जो साइबर अटैक कर सकते हैं
4:कभी-कभी साइबर अटैक के कारण स्टोर किया हुआ डाटा डिलीट हो जाता है इसलिए आपको अपने डाटा बैकअप स्टोर करके रखना हैं।
5: कभी भी आपको किसी भी अनचाहे लिंक पर क्लिक नहीं करना है और लिंक को ओपन करके अपनी पर्सनल डिटेल से नहीं बनी है क्योंकि यह लिंक साइबर क्राइम वालों ने बनाया हो सकता है।
6:आपको अपनी सोशल मीडिया का पासवर्ड कभी भी सरल नहीं रखना है जैसे = 123456,123456789,987654321
7:जब भी आप ऑनलाइन पेमेंट करते हैं उस वक्त आपको ब्राउज़र में lock symbol (🔐) जरूर देखें।
8:फ्री वाईफाई का इस्तेमाल करने से बचें और अपने मोबाइल फोन के वाईफाई का पासवर्ड मजबूत रखें।
भारत में साइबर अपराध की रिपोर्ट कहां होती है ?
साइबर अपराध के दिन प्रतिदिन बढते जा रहे हैं ऐसे में अगर आप साइबर अपराध के शिकार हो गए हैं तो आप अपनी रिपोर्ट कहां करा सकते हैं आपको इसके बारे में पता होना चाहिए तथा लोगों को इसके बारे में पता नहीं होने के कारण वे साइबर अपराध के शिकार बन जाते हैं।
1: साइबर अपराध की रिपोर्ट आप Indian Government की ऑफिशियल वेबसाइट Cyber crime portal में जाकर अपनी ऑनलाइन माध्यम से रिपोर्ट कर सकतेे हैं। आप अपनी रिपोर्ट ऑफलाइन तरीके से भी करा सकतेे हैं
2: इसके लिए आपको national cyber crime reporting portal के हेल्पलाइन नंबर 155260 पर कॉल करके अपनी रिपोर्ट करा सकते हैं.
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