Inorganic agriculture किसे कहते हैं ?
इन ऑर्गेनिक (inorganic agriculture) किसान अधिक पैदावार के लालच में रसायनिक उर्वरकों कीटनाशकों का इस्तेमाल करता है जिससे पैदावार तो बढ़ जाती है लेकिन मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम हो जाती है inorganic agriculture से हमारी प्रकृति भी बुरा प्रभाव पड़ता है.
Organic agriculture किसे कहते हैं ?
ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर में कोई रसायनिक खाद या कीटनाशक दवाओं का उपयोग नहीं होता है इसमें गाय का गोबर, कंपोस्ट खाद, जैविक खाद, वर्मी खाद, तथा हरी खाद का इस्तेमाल होता है इन सब प्रकृति पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता हैं। इसीलिए organic agriculture काफी eco-friendly ( पर्यावरण के अनुकूल ) होता हैं इसमें पैदावार की गुणवत्ता में भी काफी सुधार होता हैं। इस प्रकार के ऑर्गेनिक फूड हमारी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
आज पूरी दुनिया ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर को प्रमोट कर रही हैं। लोग अब फिर से inorganic agriculture को organic agriculture को अपना रहे हैं । और वर्तमान पीढ़ी को भविष्य को रसायनिक उर्वरको होने वाले दुष्प्रभाव से बचा रही है
पूरी दुनिया inorganic agriculture से organic agriculture को क्यों आ रही है ?
इस प्रश्न को भारत के संदर्भ में समझने की कोशिश करते है आजादी के बाद भारतीय कृषि कुछ खास अच्छी स्थिति में नहीं थी भारत के अनाज भंडार में कमी हो गई थी ।60 दशक में तो हालत ऐसी थी कि कुछ बाहरी देशो से अनाज आयात किए गए। परंपरागत तरीकों से ज्यादा पैदावार नहीं हो रही थी इस कठिन समय से बचने के लिए भारत में हरित क्रांति लाई गई।
हरित क्रांति के आने से भारतीय कृषि में सुधार होने लगा खेती में नए मशीने, रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल होने लगा । हरित क्रांति का भारतीय कृषि पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा ।गेहूं के उत्पादन और चावल के उत्पादन में दोगुना इजाफा हुआ और भारत अनाज की समस्या से बाहर निकल गया। रसायनिक प्रदार्थो के ज्यादा इस्तेमाल होने के कारण धरती विषाक्त हो गयी अधिक सिंचाई के कारण कई जगहों पर भूमिगत जल स्तर नीचे चला गया । कीटनाशक के छिड़काव से जो फायदेमंद कीट थेे वे भी लुुुप्त होने लग गये। इससे हमारा ecosystems काफी ज्यादा कुप्रभावित हुआ। इन सब की वजह से ही ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर को जोर दिया जाने लगा और आज स्थिति यह है कि पूरी दुनिया ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर की ओर को जा रही है ।
ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर के फायदे क्या हैं ?
1:ऑर्गेनिक फूड में किसी भी प्रकार के हानिकारक रासायनिक तत्व नहीं होते है जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं.
2:ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर से किसानों को आर्थिक स्तर पर काफी फायदा होता है ऑर्गेनिक फूड दुगने दाम पर बेचे जाते हैं और बाजारों मे इसकी मांग भी बनी रहती है जैसे = ऑर्गेनिक गेहूं 40 -45 किलो , सरसों का ऑर्गेनिक तेल 200 Rs किलो के करीब बेचा जाता हैं । जो कि सामान्य दान से दुगना है.
3:ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता में वृद्धि होती है और जिससे पैदावार भी बहुत अच्छी होती है ।
4:ऑर्गेनिक खेती में सिंचाई के लिए जल की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती है। जिस से भूमिगत जल में इजाफा होता है।
5:इसमें वर्मी खान और कंपोस्ट खाद का उपयोग किया जाता है कंपोस्ट खाद में कचडे इस्तेमाल किया जाता है।। जिससे कि रोगों में कमी होती है
ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर का इतिहास क्या हैं ?
जितने भी पारंपरिक तरीके हैं खेती करने के सब के सब ऑर्गेनिक होते थे पहले समय के लोगों के पास खेती करने कोई इन ऑर्गेनिक तरीका नहीं हुआ करता था इसीलिए ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर का इतिहास एक तरीके से एग्रीकल्चर का ही इतिहास हैं। बस कुछ समय के लिए इन ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर का समय आ गया था। विश्व के हर देश ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं। कई NGO ( non- governmental organization हिंदी में NGO का पूरा नाम = गैर सरकारी संगठन होता हैं।) एग्रीकल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं आज यूट्यूब में भी किसानों की सफलता की कहानी भी है लोग लाखों पैसे कमा रहे हैं बाकी किसानों के लिए प्रेरणा के स्रोत भी बन रहे हैं।
ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर की स्थिति किस देश में कैसी हैं।
ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर को विश्व का हर देश आज बढ़ावा दे रहा है लेकिन कुछ ऐसे देश हैं जो ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर में आगे हैं और कई सारे देश पीछे हैं। चाइना ,ऑस्ट्रेलिया ,United States agriculture land सबसे अधिक है । भारत में भी ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने परंम्परागत कृषि विकास योजना लॉन्च की है इस योजना का उद्देश्य किसानों को ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर के बारे में बताना है।ताकि किसानों को ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर के बारे में संपूर्ण जानकारी मिले और और किसान ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर करे।।
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